गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के कुछ जिलों में पिछले 36 घंटे से अधिक समय से जारी भारी से अति भारी वर्षा के कारण वहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और राहत तथा बचाव कार्य के लिए बचाव एजेंसियों के साथ ही साथ वायु सेना की भी मदद ली जा रही हैं। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में भी राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। 

वर्षा के कारण 15 राज्य हाई वे समेत 130 से अधिक रास्ते बंद हैं। 200 से अधिक गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित है। कई गांवों में लोग जल भराव के कारण छतों पर शरण लिए हुए हैं। वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने कई गांव से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। आज सुबह छह बजे तक के पिछले 24 घंटे में राज्य के सभी 33 जिलों के 212 तालुक़ा में बरसात हुई जिसमें से सर्वाधिक 176 मिलीमीटर जामनगर जिले के कालावाड़ में थी। स्थिति तब बिगडऩे लगी जब राजकोट जिले में भी कल कुछ स्थानो पर भारी वर्षा के बाद आज भी सुबह से जामनगर, राजकोट और जूनागढ़ के कई इलाक़ों में अति भारी वर्षा हुई। 

एशियाई शेरों के एकमात्र प्राकृतिक निवास जूनागढ़ के गिर के जंगलों में भी भारी वर्षा की सूचना है। राज्य आपात संचालन केंद्र से मिले आंकडों के अनुसार आज सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक 30 जिलों के 130 तालुक़ा में बरसात हुई थी। जूनागढ़ के विसावदर में सर्वाधिक 347 मिमी, राजकोट के लोधिका में 345, राजकोट में 286, जामनगर के कालवाड़ में 258, राजकोट के धोराजी में 192 मिमी वर्षा दर्ज की गयी थी और कई स्थानों पर इसका सिलसिला जारी था। 

जूनागढ़ तथा जामनगर को राजकोट से जोडऩे वाले राज्य हाई वे भी जल जमाव के कारण बंद हैं। नागेश्वर, आजी समेत स्थानीय नदियां उफान पर हैं कई नाले और डैम छलक गए हैं। कई गांव पूरी तरह पानी से घिर गए हैं। राजकोट शहर और जामनगर में कई लोगों को जलभराव वाले इलाक़ों से बाहर निकाला गया है। कई स्थानों पर तेज जल प्रवाह के कारण पार्क की गयी गाड़ियों के बह जाने की भी घटनायें भी हुई हैं। 

वर्षा जनित घटनाओं में कम से कम एक व्यक्ति के बह जाने की भी सूचना है। यह घटना राजकोट के उपलेटा तालुक़ा के अरनी गांव की बतायी जा रही है जहां कोजवे पर बने पुल से एक मोटरसाइकल बह गयी। इस पर सवार दो लोगों को तो बचा लिया गया पर एक लापता बताया गया है। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों के साथ वायु सेना के चार हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। 

आज ही शपथ लेने वाले राज्य के नए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक भी बुलायी है। ज्ञातव्य है कि इस बार मानसून के समय से राज्य में आगमन के बाद यह कमजोर पड़ गया जिससे कई स्थानों पर सूखे जैसी स्थिति बन गयी है। अब अंतिम चरण में भारी वर्षा से बाढ़ जैसे हालत बन रहे हैं।