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असम में घुसने की कोशिश कर रही पांच रोहिंग्या लड़कियों को पुलिस ने
बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें असम त्रिपुरा बॉर्डर से गिरफ्तार किया
गया। पुलिस ने बताया कि इन लड़कियों को एक ब्रोकर के साथ चुरईबाड़ी इलाके
से गिरफ्तार किया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रोहिंग्या
लड़कियां त्रिपुरा से आई थी।
ब्रोकर
ने उन्हें असम में घुसाने में मदद की थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ
के दौरान लड़कियों ने खुलासा किया कि वे म्यांमार की रहने वाली है और बिना
वैध दस्तावेजों के भारत में घुस गई। वे ब्रोकर की मदद से
त्रिपुरा-बांग्लादेश सीमा से भारत में घुसी।
ब्रोकर
ने प्रत्येक से 6 हजार रुपए लिये और उन्हें करीमगंज में सुरक्षित शरण
दिलाने का वादा किया। गिरफ्तार रोहिंग्या लड़कियों की पहचान जन्नत, आबिजा,
सलेहा, राबिका और राशिदा के रूप में हुई है। गिरफ्तार ब्रोकर की पहचान
श्यामलाल मियां के रूप में हुई है।
इस
साल 21 जनवरी को 30 रोहिंग्याओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनमें 12
नाबालिग भी शामिल थे। इन्हें गुवाहाटी की ओर जाने वाली एक यात्री बस से
गिरफ्तार किया गया था। सभी को असम के करीमगंज जिले से लगे असम त्रिपुरा
बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था।
2
फरवरी को असम में रहने वाले सात रोहिंग्या बच्चों को गिरफ्तार किया गया
था। इन सभी को त्रिपुरा में एक रेलवे स्टेशन से आरपीएफ ने गिरफ्तार किया
था। पिछले साल मणिपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के रहने वाली एक दंपत्ति को
गिरफ्तार किया था। इस दंपत्ति पर कथित रूप से रोहिंग्याओं को म्यांमार से
मणिपुर में लाने का आरोप था। मणिपुर पुलिस ने पिछले साल 22 मार्च को
म्यांमार सीमा से लगे तेंगलोउपाल जिले के मोरेह कस्बे के पास से तीन अन्य
रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया था।
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