अफगानिस्तान इस वक्त भयंकर वित्तीय (Financial crisis in Afghanistan ) संकट का सामना कर रहा है। मुश्किल की इस घड़ी में अफगान सरकार (Afghan government has sought help from America) ने अमेरिका से मदद मांगी है। दरअसल, यूनाइटेड स्टेट्स से अफगानिस्तान सेंट्रल बैक (Afghanistan Central Bank)  की जब्त संपत्ति को रिलीज करने का आग्रह किया गया है। अमेरिका को भेजे गए एक पत्र में अफगान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुस्ताक (Amir Khan Mustaq) ने बताया कि दोहा एग्रिमेट के मुताबिक, यूएस और अफगानिस्तान के बीच अब किसी भी प्रकार का सैन्य मतभेद नहीं है। 

इसके साथ ही पत्र में अफगानिस्तान की तरफ से कहा,'यह बहुत ही हैरान कर देने वाली बात है कि जहां एक तरफ अफगानिस्तान में नई सरकार बनाने की घोषणा की गई है वहीं अमेरिका ने अफगान की चार बैंकों की संपत्ति जब्त कर ली है।' पत्र में कहा गया है कि दोहा एग्रिमेंट (Doha Agreement) के बाद इस प्रकार की हरकत हमें उम्मीद नहीं थी।  पत्र में मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान भारी वित्तीय (Afghanistan is facing a huge financial crisis) संकट से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों को जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए अमेरिका से आग्रह है कि वह सभी प्रकार के बैंक संपत्ति को रिलीज कर दें।

उधर, अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के नवनियुक्त विशेष प्रतिनिधि थामस वेस्ट ने मंगलवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से अलग-अलग मुलाकात की। इन मुलाकातों में अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि वार्ता के दौरान अफगानिस्तान के भीतर और वहां से बाहर लोगों की आवाजाही, मानवीय सहायता के वैश्रि्वक प्रयासों के समन्वय के रास्तों और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों सहित अन्य मुद्दे सामने आए।

उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान भारत की मेजबानी में अफगानिस्तान के विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन तथा आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दे भी उठे। सूत्र ने बताया, 'चर्चा अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर केंद्रित रही।' समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, 'विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि थामस वेस्ट से मुलाकात की और हाल के घटनाक्रम और अफगानिस्तान में आम हित के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।'