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कश्मीर अब बिहारियों के लिए काल (Bihar people murder in kashmir) बनता जा रहा है। आतंकियों के हमले में 2 लोगों की मौत के बाद बिहार के मजदूर अब घाटी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 10 अक्टूबर को भागलपुर के वीरेंद्र पासवान और शनिवार को बांका जिले के अरविंद कुमार साह की हत्या के बाद से लोगों में डर बढ़ गया है।
बिहार के लोग अब घाटी छोड़ने की तैयारी में लग गए हैं। इनमें कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के अन्य जिलों के लोग शामिल हैं जो घाटी को अलविदा करने जा रहे हैं। घाटी के मौजूदा हालात से इन सभी के मन में दहशत है। गैर कश्मीरियों की हत्या (murder in kashmir) के बाद ठेकेदार बकाया रकम भी नहीं दे रहे, ताकि सब वहां से लौट आएं।
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खबर है कि 6 माह के लिए कोसी और सीमांचल से हजारों की संख्या में मजदूर (bihar workers in kashmir) काम करने के लिए जम्मू-कश्मीर समेत आसपास के इलाकों में जाते हैं। इनमें कई ऐसे भी मजदूर हैं जिन्होंने कई महीने काम किया और मालिक के पास रुपए भी बकाया है लेकिन जान के डर से अब वापस घर आ गए हैं।
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