गाजियाबाद, टिकरी और सिंघू की दिल्ली की सीमाओं में डेरा डाले हुए किसानों (farmers) ने आज शनिवार 11 दिसंबर को विजय जुलूस शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि वे अब हरियाणा और पंजाब के गांवों में स्थित अपने-अपने घरों को वापस जाने के लिए तैयार हैं। बता दें कि जीत का जश्न केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल के लंबे विरोध में किसानों की सफलता के बाद आता है जिसे अब रद्द कर दिया गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा कि किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने का आश्वासन दिया और इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया है। किसानों द्वारा विजय मार्च पहले आयोजित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन तमिलनाडु के कुन्नूर में एक सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना में CDS जनरल बिपिन रावत (Gen Bipin Rawat) और 12 अन्य लोगों के अंतिम संस्कार को देखते हुए इसमें देरी हुई।

कल सिंघू सीमा (Singhu borders) पर किसानों को अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान बनाए गए शिविरों को तोड़ते हुए देखा गया। किसान अपने विरोध प्रदर्शन की समाप्ति के मौके पर उस स्थान को नष्ट कर रहे हैं और उनके आज विजय मार्च के बाद 15 दिसंबर तक स्थान छोड़ने की उम्मीद है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 19 नवंबर को गुरु परब के शुभ उत्सव के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय के बारे में बड़ी घोषणा की। उसके बाद 1 दिसंबर को राष्ट्रपति राम नाथ (President Ram Nath Kovid) कोविड ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के मामले पर अपनी मंजूरी दी।