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कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि हम अपना आंदोलन यहीं वापस ले रहे हैं, हमारा संगठन इस हिंसा में शामिल नहीं है। सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं। ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।
उधर, भारतीय किसान यूनियन का भानु गुट भी किसान आंदोलन से अलग हो गया है। संगठन के मुखिया भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने का एलान किया है। हालांकि भाकियू के भानु गुट को संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही अपने आंदोलन से अलग कर दिया था क्योंकि इसने शुरुआत में ही सरकार के मंत्रियों से मिलने के बाद आंदोलन खत्म करने की बात कही थी। हालांकि आम किसानों की भावनाओं को देखते हुए आंदोलन जारी रहा था।
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