किसान आंदोलन (Farmer Protest) के एक साल पूरे हो गए हैं, 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) आंदोलन के आगे की रूपरेखा तय करेगा तो वहीं 29 नवंबर को दिल्ली के खुले हुए रास्तों से किसान दिल्ली में दाखिल होंगे और संसद कूच करेंगे। इसको लेकर अब सड़कों पर दिल्ली पुलिस की तैयारियां भी दिखने लगी हैं।

दिल्ली पुलिस (Delhi police) द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर 144 भी लगा दी गई है, ताकि किसानों को इकट्ठा होने से रोका जा सके और कानून व्यवस्था बनी रहे। गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से दिल्ली की ओर जाने वाले नेशनल हाइवे 9 और 24 पर दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की झलक दिखने लगी है। हाइवे पर बड़े बड़े कंटेनर, कंक्रीट के ब्लॉक, डंपर ट्रक आदि बेरिकेड लगना शुरू हो गए हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर ही दिल्ली पुलिस (Delhi police) द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है ताकि किसानों को दिल्ली में एक बार फिर उग्र होने का कोई मौका नहीं दिया जा सके। बॉर्डर से करीब 500 मीटर दूर पर ही बड़े बड़े कंटेनर लगा दिए गए हैं।

दिल्ली की सीमा में दाखिल होने से पहले भी हाइवे पर बैरिकेड लगाए जा रहें हैं और पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा अक्षरधाम (Akshardham) पर भी बैरिकेड के अलावा, कंक्रीट के ब्लॉक और डंपर ट्रक खड़े किए गए हैं, ताकि हर हालातों से निपटने में मदद मिल सके। भारतीय किसान यूनियन (bhartiya kisan union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (rakesh tikait) ने बताया, हम खुले रास्तों से दिल्ली जाने की कोशिश करेंगे। अभी तक प्रशासन से हमारी इस मसले पर कोई बात नहीं हुई है। दरअसल कृषि कानून वापसी का ऐलान हो चुका है, लेकिन किसान अभी भी सड़क पर डटे हुए हैं। दूसरी ओर तीनों कृषि कानूनों (Farm laws) को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि जैसे तीनों कृषि कानूनों पर सरकार को झुकना पड़ा, उसी तरह अब एमएसपी समेत 5 मांगों पर किसानों की बातें सरकार को माननी पड़ेंगी।