देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी डिमांड के बीच एक तरफ जहां इसकी कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है वहीं मुनाफाखोर नकली इंजेक्शन बेचने से भी नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र से सामने आया है। महाराष्ट्र के बारामती में रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इन सभी के पास से 3 इंजेक्शन भी जब्त किए गए हैं। पुणे ग्रामीण के डिप्टी एसपी नारायण शिरगांवकर ने बताया कि ये सभी लोग रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेच रहे थे। चारों आरोपियों के पास से तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंजेक्शन पर रेमडेसिविर के लेवल गए हुए थे लेकिन उसके भीतर लिक्विड पेरासिटामोल भरा हुआ था।

देश के ज्यादातर हिस्सों में इन दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कमी देखी जा रही है। गंभीर बीमारी से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को पर्याप्त संख्या में इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। मेडिकल स्टोर्स पर मरीजों के परिजनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। काफी इंतजार के बाद भी एक से ज्यादा इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है।

झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली और यूपी के साथ ही महाराष्ट्र में भी इसकी भारी कमी देखी जा रही है। हालात ये हो गए हैं कि मरीजों के परिजन मेडिकल स्टोर्स पर एक इंजेक्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं। यूपी के प्रयागराज जिले में रेमडेसिविर के 2 हजार इंजेक्शन की मांग सामने आई है, लेकिन सिर्फ 100 ही इंजेक्शन शनिवार को मुहैया हो सके। यही वजह है कि मेडिकल स्टोर्स पर काफी मारामारी चल रही है।

प्रयागराज में थोक में दवा बेचने वाले केमिस्टों को कंपनी की तरफ से शनिवार को इंजेक्शन की दूसरी खेप मुहैया कराई गई। डिमांड की तुलना में आपूर्ति इतनी कम है कि मरीजों के परिजन लगातार मेडिकल स्टोर्स से एक से ज्यादा इंजेक्शन दिए जाने की विनती कर रहे हैं। ज्यादा डिमांड और कम सप्लाई की वजह से मरीजों को उनकी जरूरत के हिसाब से रेमडेसिविर के इंजेक्शन मुहैया नहीं हो पा रहे हैं।