आज के समय में जहां हर दिन वीडियो वायरल करने की धमकियां देकर ब्लैकमेलिंग के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं कैमरे वाला चश्मा क्या ऐसी गतिविधियों को और बढ़ा देगा। कुछ ऐसे ही सवाल इन दिनों सोशल मीडिया पर उठ रहे हैं। दरअसल, फेसबुक ने रे-बैन के साथ मिलकर हाल ही में कैमरे वाला चश्मा लॉन्च किया है। 

इस चश्मे के दोनों डंडों पर पांच मेगापिक्सल का कैमरा लगा है। ऐसे में इससे फोटोज खींचना और वीडियो बनाना आसान है। इतना ही नहीं चश्मे पर लगा कैमरा कम रोशनी में भी अच्छी तस्वीरें-वीडियो लेने में सक्षम है। कैमरे के साथ ही इसमें स्पीकर्स भी लगे हैं, जो आपकी बातें भी रेकॉर्ड करता है। इसका उपयोग भी बेहद आसान है, यह अंगुली के वन टेप यानी एक बार छूने पर ही शुरू हो जाता है। हालांकि इसका वजन सामान्य चश्मे से थोड़ा ज्यादा है। इसे चार्ज होने में लगभग 6 घंटे का समय लगता है।

इस चश्में के उपयोग पर अब प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कंपनी ने पूरी तरह से प्राइवेसी को सामने नहीं रखा है। रे-बैन स्टोरीज सीरीज के इस चश्में का दुरुपयोग होने का डर अब लोगों को सता रहा है। लोगों का कहना है कि कैमरे वाले चश्में का उपयोग लोगों के लिए गलत हो सकता है। आप किसी का फोटो और वीडियोज उसे बिना बताए खींच सकते हैं, जो उसकी निजता का नुकसान है। इसका उपयोग लोगों को बदनाम और ब्लैकमेल करने के लिए किया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि इस चश्में से लिए गए फोटोज और वीडियोज उपयोगकर्ता के आईओएस या एंड्रॉइड फोन पर एक विशेष ऐप ‘व्यू ’ के जरिए एकत्रित होते हैं। यह ऐप ब्लूटूथ से जरिए चश्में से जुड़ता है। हालांकि इस व्यू ऐप को लॉग इन करने के लिए एक फेसबुक अकाउंट की आवश्यकता होती है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो और तस्वीरें फोन में ही रहती हैं, यह फेसबुक के सर्वर या क्लाउड में नहीं भेजी जाती हैं।