सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे कि फेसबुक और ट्विटर अब हैकर्स की टॉप लिस्ट में आ चुके हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर मैलवेयर और फिशिंग अटैक आम बात है। ऐसे में हमें खतरों के बारे में पता होना चाहिए। फेसबुक पर क्लिकजैकिंग और ट्विटर पर स्पैमबॉट्स आम बात है।

क्लिकजैकिंग एक साइबर स्कैम है, जो लिंक पर क्लिक करने को कहता है और आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी चुरा लेता है। चोरी करने के लिए आपको एक वेब पेज पर रीडायरेक्ट करता है। हिडिन विज्ञापन के जरिए अपराधी आपका सारा पैसा चुरा सकते हैं।

ट्विटर पर धोखेबाज स्पैमबॉट्स का इस्तेमाल करते हैं। यह एक ऑटोमैटिक मैलवेयर है। इसे एक साथ कई ट्वीट्स भेजने के लिए डिजाइन किया गया है। यह वीडियो, फोटो या किसी पीसी रिपेयर टूल से लिंक होते हैं। इसको सुरक्षित बताया जाता है, लेकिन जब आप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह आपको दूसरी वेबसाइट पर ले जाता है और आपके अकाउंट को ट्वीट्स को रि-ट्वीट करना शुरू कर देता है।

आपको LOL, OMG! या Amazing शब्दों से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें मैलवेयर छिपे होते हैं। अगर कोई इन शब्दों का इस्तेमाल करता है, तो यह एक ट्रिक है। इससे आपको बचना चाहिए।

अगर आपको कोई लिंक दिखता है, तो क्लिक करने से पहले उसको अच्छी तरह जांच लें। अगर किसी पोस्ट में यह शब्द डैश में लिखा है तो ऐसे लिंक से बचें। क्योंकि यह लिंक आपको कंगाल कर सकता है।

ट्वविटर पर अगर किसी पेज ने आपको फॉलो किया है, और उसी पेज ने हजारों ऐसे पेज को फॉलो किया है, जो संदिग्ध हैं, तो उसको तुरंत ब्लॉक कर दें।

आप अपने पीसी या लैपटॉप पर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करें। इससे किसी भी प्रकार के मैलवेयर का आसानी से पत लगाया जा सके और उसे ब्लॉक कर पाए।