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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं बल्कि भारत की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है। वस्तुतः यहां 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि "हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, आने वाले वर्षों में असाधारण लक्ष्यों को प्राप्त करना है।"
उन्होंने कहा कि "ये संकल्प केवल 'सबका प्रयास' (सबका प्रयास) से ही पूरे होंगे। और लोकतंत्र (Democracy) में, भारत की संघीय व्यवस्था में, जब हम 'सबका प्रयास' की बात करते हैं, तो सभी राज्यों की भूमिका इसकी प्रमुख नींव होती है।"
'सबका प्रयास' के महत्व को जारी रखते हुए, प्रधान मंत्री (PM Narendra Modi) ने कहा, उत्तर-पूर्व के लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान हो या दशकों से रुकी हुई बड़ी विकास परियोजनाओं को पूरा करना - ऐसे कई कार्य हैं जो राष्ट्र द्वारा पूरे किए गए हैं।
उन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई को 'सबका प्रयास' का एक बड़ा उदाहरण बताया।
प्रधान मंत्री (PM Narendra Modi) ने कहा "हमारे घर की परंपराएं और व्यवस्थाएं प्रकृति में भारतीय होनी चाहिए। हमारी नीतियां, हमारे कानून भारतीयता की भावना को मजबूत करना चाहिए, 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का संकल्प। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सदन में हमारा अपना आचरण होना चाहिए भारतीय मूल्य। यह हम सभी की जिम्मेदारी है," ।
मोदी (PM Narendra Modi) ने आगे कहा, "क्या हम गुणवत्तापूर्ण बहस के लिए भी एक अलग समय निर्धारित करने के बारे में सोच सकते हैं? ऐसी बहस जिसमें गरिमा, गंभीरता का पूरी तरह से पालन किया जाता है, किसी को किसी पर राजनीतिक कलंक (political slurs) नहीं करना चाहिए। एक तरह से यह सबसे स्वस्थ समय है घर, एक स्वस्थ दिन।"
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