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EPFO यानि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन दिवाली से पहले अपने 6 करोड़ से अधिक सदस्यों को खुश करने जा रहा है। ईपीएफओ वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर दिवाली से पहले जारी कर सकता है। अधिकारियों के मुताबिक यह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनके महंगाई भत्ते और महंगाई राहत वृद्धि के साथ मिल जाएगा।
खबर है कि ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड ने ब्याज में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है और रिटायरमेंट फंड मैनेजर ने वित्त मंत्रालय की मंजूरी मांगी है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। हालांकि कुछ लोगों का तर्क है कि वित्त मंत्रालय की मंजूरी सिर्फ प्रोटोकॉल का मामला है, ईपीएफओ इसकी मंजूरी के बिना ब्याज दर को क्रेडिट नहीं कर सकता है। पिछले डेढ़ साल वेतनभोगी वर्ग सहित मजदूर वर्ग के लिए कठिन रहे। अब दिवाली तक अपेक्षित भुगतान से उनका मूड खुश हो जाएगा।
बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021 के लिए 8.5% भुगतान की सिफारिश की थी। जब ब्याज के बारे में निर्णय किए गए, तो सभी कारकों को ध्यान में रखा गया। ईपीएफओ ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 70,300 करोड़ रुपये की इनकम का अनुमान लगाया है, जिसमें उसके इक्विटी निवेश के एक हिस्से को बेचने से लगभग 4,000 करोड़ रुपए शामिल हैं। 2020 में कोविड-19 के प्रकोप के बाद ईपीएफओ ने मार्च 2020 में पीएफ ब्याज दर को घटाकर 8.5 फीसद कर दिया था, जो पिछले 7 वर्षों में यह सबसे कम है। बता दें वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज दर 8.65 फीसद था, हालांकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह महज 8.55 फीसद ही था, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए यह 8.5 फीसद है।
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