नौकरी करने वालों के लिए एक जरूरी खबर है। अगर आप भी ईपीएफओ के ब्याज का इंतजार कर रहे हैं तो जल्द ही आपके खाते में बड़ा पैसा आने वाला है। सेवानिवृत्ति निधि निकाय ईपीएफओ के न्यासियों (trustees), जिनमें नियोक्ताओं के साथ-साथ श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले भी शामिल हैं। उनके द्वारा पिछले साल जून में 2021-22 के लिए कर्मचारियों की भविष्य निधि पर ब्याज के क्रेडिट न होने का मुद्दा उठाया गया था। हालांकि, अभी तक भी ब्याज नहीं आई है।

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केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में कर्मचारी भविष्य संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने मार्च 2022 में 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी, जो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए चार दशकों में सबसे कम ब्याज दर रही थी।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा, ‘करीब 10 दिन पहले मैंने ईपीएफओ के अधिकारियों के सामने 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी की ब्याज दर जमा नहीं होने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने मुझे बताया कि सिस्टम (सॉफ्टवेयर) में कुछ समस्या है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।’

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1977-78 के बाद से 8.1 प्रतिशत की ईपीएफ ब्याज दर अब सबसे कम है। तब 8 प्रतिशत की ब्याज मिलती थी। इसके अलावा ईपीएफओ में दिसंबर 2022 में 14.93 लाख ग्राहक जुड़े, जो कि एक साल पहले के शुद्ध जोड़ की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक था। श्रम मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी।