
ग्वालपाड़ा । ग्वालपाड़ा जिले के रंगजुली वनांचल में हाथी और मानव संघर्ष ने तीव्र रूप धारण कर लिया हैं। वर्तमान में असम मेघालय गारो पहाड़ से आए 30 हाथियों का दल रंगजुली अंचल में प्रवेश कर गया हैं, जिरासे ग्रामीणों की नींदे उड़ गई है।
डाकुवाकाटा, जोलायारा, बखारापारा के साथ कई गांवों में वन्य हाथियों द्वारा तांडव चल रहा है. हाथियों के झुंड द्वारा पकी खडी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सुनहरे पके धान की फसलों को हाथियों द्वारा चट किए जाने पर कृषक चिंतित हैं।
खड़ी फसल चौपट हो जाने से किसानो के बीच हाहाकार मचा हुआ हैं। इसके अलावा इस अंचल में हाथियों के दल से केले के खेतिहरो को भी अंआतंकित होना पड़ रहा है। लाखों रुपए खर्च करके खेती करने वाले किसानों को फसल से वंचित होना पड़ रहा है।
कृषकों ने वन त्निविभाग के अधिकारियों से हाथियों के दल की दूर तक खदेड़ने का आग्रह किया है। इस क्षेत्र के लोगों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वन मंत्री प्रमिला रानी ब्रहा से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है। उल्लेखनीय है कि रंगजुली वनांचल में हाथी और मानव संघर्ष कोई नई बात नहीं है। इरा अंचल में हाथी और मानव का संघर्ष ककाफी दिनों से चल रहा है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |