नई दिल्ली। सड़कों से अब इलेक्ट्रिक स्कूटर गायब हो जाएंगे क्योंकि सरकार ने इन पर बैन लगा दिया है। सरकार ने ई-स्कूटर पर बैन लगाने के लिए कारण भी बताएं हैं। हालांकि, सरकार ने ई-स्कूटर पर बैन लगाने के निर्णय से पहले जनता से जनमत संग्रह कराया था। इस वोटिंग में जनता में से 80 फीसदी ने बैन लगाने का समर्थन किया है। हालांकि, आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक पर यह बैन फ्रांस की राजधानी पेरिस में लगाया गया है।

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हालांकि, यह बैन किराये के इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर लगाया गया है। यहां पर कुल 89 फीसदी मतदाताओं ने प्रस्तावित प्रतिबंध का समर्थन किया, वहीं 11 फीसदी ने इसका विरोध किया। हालांकि, यहां की 1.3 मिलियन योग्य मतदाताओं में से केवल 7 प्रतिशत ही जनमत संग्रह के लिए निकले।

मतदान का परिणाम घोषित होने के बाद पेरिस के मेयर ऐनी हिडाल्गो ने कहा कि पेरिसियों ने साझा ई-स्कूटर रखने के खिलाफ बड़े पैमाने पर खुद को व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें एक बहुत स्पष्ट रोडमैप दिया है, और हम उनके फैसले का पालन करने जा रहे हैं।

अब इस शहर से 1 सितंबर, 2023 तक बैटरी से चलने वाले इन उपकरणों को पूरी तरह से खत्म कर दिय ाजाएगा। क्योंकि 1 सितंबर पर पेरिस में लगभग 15,000 ई-स्कूटर संचालित करने वाली तीन कंपनियों, डॉट, टीयर और लाइम को अनुमति देने वाला अनुबंध समाप्त हो जाएगा।

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यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में ई-स्कूटर या ट्रॉटिनेट से जुड़ी दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। आपके बता दें कि 2018 में ई-स्कूटर पेश करने के बाद पेरिस यूरोप के प्रमुख ग्रीन शहरों में से एक बन गया था। इन माइक्रो-वाहनों को यूजर्स द्वारा कहीं भी छोड़ा जा सकता है और इसें मोबाइल ऐप की मदद से उठाया जा सकता है। हालांकि, ट्रोटिनेट जल्द ही मुश्किल में पड़ गया क्योंकि पेरिस में रहने वाले कई लोगों ने इसमें आंखों की रोशनी और यातायात के खतरे है।