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बंगाल के राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात के दौरान चुनाव आयोग ने राज्य में जल्दी चुनाव करवाने के संकेत दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 20 से 25 दिन पहले ही हो सकते हैं। ऐसा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में इस बार 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से लेकर 10 जून तक चलेंगी। हालांकि सीबीएसई ने अभी परीक्षा कार्यक्रम और तिथियों की घोषणा नहीं की है।
वहीं मौजूदा सरकार का कार्यकाल 30 मई तक है। ऐसे में चुनाव आयोग 5 मई से पहले पहले बंगाल में चुनाव की प्रक्रिया खत्म कर लेना चाहता है। इससे पहले हाल ही में चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा दो और आयुक्तों सुशील चंद्रा और राजीव कुमार के साथ बंगाल के दो दिनों के दौरे पर थे। इनके साथ पश्चिम बंगाल के प्रभारी और उप चुनाव आयुक्त संदीप जैन भी मौजूद थे। इन अधिकारियों ने बंगाल में चुनाव तैयारियों की समीक्षा की। आज बंगाल चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन की बैठक होने जा रही है। जिसमें बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।
इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्य में चुनाव ज्यादा चरणों में करवाया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इलेक्शन 7 से 8 चरणों में होंगे। 2016 में चुनाव अप्रैल 4 से लेकर मई 5 तक 6 फेज में हुए थे। इलेक्शन कमीशन ने समुचित मात्रा में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध कराने की बात कही है। पिछली बार की तुलना में इस बार बंगाल में मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ गई है। इसके पहले पश्चिम बंगाल में 78,903 स्टेशन थे, जो कि इस बार बढ़कर 1,01,790 हो गया है। खास बात ये है कि इस बार पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनाव में राज्य के पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं होगी। इस सम्बन्ध में चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील आरोड़ा ने राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव में ज्यादातर सीआरपीएफ और सीएपीएफ की तैनाती की जाएगी। गौरतलब है कि बंगाल में हाल के दिनों में अलग -अलग जिलों से टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आ चुकी हैं।
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