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चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोटिस जारी करने के बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष दिलीप घोष को भी उनके शीतलकुची घटना को लेकर दिये गये बयान पर नोटिस जारी किया। घोष ने कहा था कि अगर कोई सीमा लांघता है तो शीतलकुची जैसी घटना अनेक जगहों पर होंगी।
आयोग ने कहा है कि यह सुविचारित राय है कि घोष ने आदर्श चुनाव आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (3ए) का उल्लंघन किया है। आयोग ने घोष को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार पूर्वाह्न 10 बजे तक का समय दिया है। आयोग ने भाजपा नेता शुवेन्दु अधिकारी को भी उनके 29 मार्च को दिये गये भाषण को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने आयोग की नोटिस का नौ अप्रैल को जवाब दिया था।
आयोग ने अधिकारी को सलाह दी है कि जब आदर्श आचार संहिता लागू हो तो इस तरह के बयान देने से बचें। इससे पहले आयोग ने भाजपा के उत्तर 24 परगना की हाबरा सीट से भाजपा उम्मीदवार राहुल सिन्हा पर उनके भडक़ाऊ बयान के लिए 48 घंटे तक प्रचार अभियान पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध मंगलवार दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ है। गौरतलब है कि सुश्री बनर्जी के प्रचार अभियान पर आयोग ने 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा रखा है। तृणमूल नेताओं ने आज चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि सिन्हा ने शीतलकुची घटना को लेकर भडक़ाऊ बयान दिया है। मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं की कड़ी आलोचना की जो शीतलकुची में हुई हिसंक घटना को उचित ठहरा रहे हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान शीतलकुची में हिंसक घटना हुई थी।
गौरतलब है कि सिन्हा ने रविवार को चुनावी रैली में कहा था कि केन्द्रीय बलों को चार की जगह आठ लोगों की हत्या करनी चाहिए थी। सुश्री बनर्जी लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करना चाहती हैं। बाद में आयोग ने सिन्हा के चुनाव प्रचार करने पर मंगलवार दोपहर 12 बजे से 15 अप्रैल 12 बजे तक रोक लगा दी है। इस बीच, तृणमूल सुप्रीमो ने चुनाव आयोग के उनके चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की रोक लगाने के विरोध में धरने पर बैठी हैं।
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