आयुष्मान योग, स्वाति नक्षत्र और चतुग्रही योग में गुरुवार को धन की देवी महालक्ष्मी की आराधना का पर्व दिवाली मनाया जाएगा। इस मौके पर भगवान गणेश और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेष्ठ रहेगा।

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त

लाभ —अमृत मुहूर्त- सुबह 12. 10 से दोपहर 2. 54 बजे

शुभ मुहूर्त- दोपहर 4.16 से शाम 5.38 बजे

कुंभ लग्न- दोपहर 1.24 से दोपहर 2.53 बजे (स्थिर लग्न)

प्रदोष काल - शाम 5.38 बजे से शाम 8.15 बजे

वृषभ लग्न- शाम 6.20 - शाम 8.17 बजे

सिंह लग्न- मध्य रात्रि 12.50 से तड़के 3.06 बजे

चौघड़िया मुहूर्त

- अमृत-चर शाम5.38 से 8.54 बजे

- लाभ मध्यरात्रि 12.10 से 1.48 बजे

- शुभ-अमृत अंत रात 3.26 से सुबह 6.42 बजे

- सर्वश्रेष्ठ पूजन समय - शाम 6.32 से 6.45 बजे तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल , स्थिर वृष लग्न एवं कुम्भ का स्थिर नवांश भी रहेगा।