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आज की युवा पीढ़ी के लिए ईयरबड्स एक फैशन बन गया है। आपको सड़कों पर कई ऐसे युवा मिल जाएंगे, जो ईयरबड्स लगाए अपनी में मस्ती में खोए हुए हैं, लेकिन आपको ये जानकर हैरान होगी कि ये गैजेट आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
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दरअसल डॉक्टर्स का कहना है कि आंतरिक कान में छोटे बालों की कोशिकाएं, जो सुनने के लिए संवेदी रिसेप्टर्स हैं। ऐसे में देर तक ईयरबड्स की तेज आवाज के संपर्क में आने पर ये बहुत अधिक या बहुत गंभीर रूप से झुक जाती हैं। यदि तेज आवाजों को सुनने के बाद पर्याप्त समय प्रदान किया जाए तो ये कान की कोशिकाएं ठीक हो सकती हैं, यदि नहीं तो इससे स्थायी क्षति हो सकती है। एक यूनिवर्सल सर्च के मुताबिक, लगभग 12.5 परसेंट बच्चे और किशोर (लगभग 52 लाख) और 17 परसेंट युवा (लगभग 2.6 करोड़) की सुनने की क्षमता खत्म हो चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बहरे होने की वजह जरूरत से ज्यादा शोर है।
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कुछ लोग कान में दर्द, टिनिटस यानी कान बजने की समस्या, तेज सुनना और कानों में आवाज गूंजने जैसी परेशानियों को नॉर्मल समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि ये लक्षण ज्यादातर इयरड्रम्स के क्षतिग्रस्त होने के रहते हैं, जो कि कम सुनने की शुरूआत भी हो सकती है। ऐसे में बिना देर किए किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि कम वाल्युम में हैडफोन ईयरबड्य की तुलना ज्यादा फायदे मंद होते हैं, क्योंकि हैडफोन आवाज को फैलाते हैं, जबकि ईयरबड्स ध्वनि को सीधे कानों के अंदर तक पहुंचाते हैं। ऐसे में अगर आप भी जरुरत से ज्यादा ईयरबड्स का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
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