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खाने में नमक की मात्रा कम या ज्यादा होने पर मुंह के स्वाद के साथ ही सेहत भी बिगड़ सकती है। अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि ज्यादा नमक खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है। यही वजह है कि खाने में ऊपर से नमक नहीं डालने की सलाह भी दी जाती है। लेकिन कम नमक भी आपकी सेहत को कई बड़े नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में यहां हम आपको बता रहे हैं कि कम नमक खाने से क्या बड़े नुकसान हो सकते हैं—
नमक आयोडीन का मुख्य स्रोत है और यह शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। नमक सोडियम क्लोराइड का बेहतरीन स्रोत होता है जो इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस्ड रखता है। आयोडीन की कमी से शरीर की थायराइड ग्रंथि सही से काम नहीं करती है। इसकी कमी से आपके शरीर में हाइपोथायरायडिज्म जैसी बीमारी हो सकती है। इसके अलावा आयोडीन नमक शरीर में पाए जाने वाले गुड कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाता है। बावजूद इसके नमक का सेवन सीमित मात्रा में किए जाने की सलाह दी जाती है।
डॉक्टरों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आवश्यक मात्रा में नमक नहीं खाता है तो यह शरीर में इंसुलिन रिजिस्टन्स की क्षमता को बढ़ा सकता है। यह तब होता है जब शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन के संकेतों पर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। इससे रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है और व्यक्ति टाइप 2 मधुमेह का शिकार हो सकता है।
शरीर में सोडियम की अधिक मात्रा हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है तो वहीं इसका कम सेवन करना भी कई तरह के रोगों को जन्म देता है। यही वजह है कि इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करने की सलाह दी जाती है। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर एक व्यक्ति को हेल्दी बने रहने के लिए रोजाना कितनी मात्रा में नमक का सेवन करना चाहिए। नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन प्रतिदिन 2,300 ML से कम नमक खाने की सलाह देता है।
कम नमक खाने के नुकसान
बैड कोलेस्ट्रॉल-ट्राइग्लिसराइड की समस्या -
साल 2012 में अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार कम नमक खाने वाले लोगों में रेनिन, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश अपनी रिसर्च में बताया है कि हेल्दी लोगों में कम सोडियम वाली डाइट के कारण एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल में 4.6% और ट्राइग्लिसराइड्स 5.9% तक बढ़ जाता है।
डायबिटीज -
कम नमक खाने पर आप सोडियम की पर्याप्त मात्रा नहीं ले सकेंगे जिसकी वजह से आप टाइप 2 डाइबिटीज के शिकार हो सकते हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में साल 2010 में हुए शोध के अनुसार नमक की कमी का सीधा संबंध इंसुलिन की संवेदनशीलता से बताया गया था। जिसमें इंसुलिन संवेदनशीलता को घटाकर कार्य क्षमता बढ़ाता है। इंसुलिन संवेदनशीलता की कमी डायबिटीज से पहले का चरण है। रिसर्च में पता चला है कि टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में लो सोडियम डाइट पर मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है।
लो ब्लडप्रशर-
अगर आप इस डर से नमक कम खाते हैं कि ज्यादा नमक खाने से आपको हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो सकती है, तो हम आपको बता दें कि बिना कारण नमक कम खाना आपको लो ब्लडप्रशर का मरीज जरूर बना सकता है।
दिमाग में सूजन, कोमा और दौरे का खतरा-
हाइपोनेट्रेमिया एक ऐसी स्थिति है जो ब्लड में सोडियम के स्तर के कम होने की वजह से होती है। कम नमक खाने से इस स्थिति का खतरा बढ़ जाता है। इसके लक्षण डिहाइड्रेशन के कारण नजर आने वाले लक्षणों की ही तरह होते हैं। समस्या गंभीर होने पर व्यक्ति के दिमाग में सूजन हो सकती है जिससे सिरदर्द, कोमा, सीजर्स के अटैक और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
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