हमारे सौर मंडल में कुछ ऐसे भी ग्रह हैं जहां हीरों की बारिश होती है। ये ग्रह यूरेनस और नेपच्यून हैं। इनको लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है। इन ग्रहों पर हाइड्रोजन, हीलियम और मीथेन जैसी गैसें हैं। इन ग्रहों पर वातावरणीय दबाव बहुत ज्यादा है जिसके चलते हाइड्रोजन और कार्बन बॉन्ड को तोड़कर विभाजित कर देता है जो हीरों के रूप में जमीन पर गिरते हैं।

वैज्ञानिकों ने दावे किए हैं कि यूरेनस और नेपच्यून का आकार और संरचना से काफी अलग है। आपको बता दें कि यूरेनस ग्रह पृथ्वी से 17 गुना बड़ा है। वहीं, नेपच्यून ग्रह 15 गुना बड़ा है। यूरेनस ग्रह पर मीथेन गैस है।

इन ग्रहों पर वातावरण के दबाव की वजह से हाइड्रोजन अलग हो जाता है और कार्बन यानि हीरे के रूप में बन जाता है। यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह होती है जैसे पृथ्वी पर वायुमंडलीय दबाव की वजह से जलवाष्प की प्रक्रिया होती है और इसके बाद बारिश के बादल और ओले बनते हैं।