सर्दियों को दुनियाभर में लोग पसंद करते हैं और करें भी क्यों न, इस दौरान न तो चिपचिपा पसीना आता है, न ही गर्मी लगती है और खाने पीने की चीजों के विकल्प भी बढ़ जाते हैं। पर हर व्यक्ति के लिए सर्दी का मौसम बेहतर ही हो यह जरूरी भी नहीं है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बहुत से लोग कई बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। इनमें से एक ऐसी ही बीमारी है जिसके मरीजों को सर्दियों के दौरान थोड़ा सतर्क होना पड़ता है।

हम बात कर रहे हैं डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों की। आपको बता दें कि डायबिटीज की बीमारी में बदलते मौसम का असर भी ब्लड शुगर लेवल के फ्लकचुएट होने की वजह बन सकता है। इसमें चाहे मौसम गर्मियों का हो, बारिश का या फिर सर्दियों का। आइए जानते हैं ऐसा आखिर क्यों होता है और किस तरह सर्दियों में खुद के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखें।

डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर लेवल का ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन मौसम अगर अधिक ठंडा हो या अधिक गर्म हो, इन दोनों ही स्थितियों में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसकी वजह है शरीर न केवल अधिक इंसुलिन का उत्पादन करता है। बल्कि इसका उपयोग भी गलत तरीके से करता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी हो जाता है कि वह मौसम का असर अपनी स्थिति पर न पड़ने दें। इसके लिए वह कुछ तरीके आजमा सकते हैं।

हम सभी जानते हैं कि सर्दियों के दौरान बार - बार भूख लगती रहती है। ऐसा ही कुछ डायबिटीज के मरीजों के साथ भी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ठंड के दौरान हमारा मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है। मेटाबॉलिज्म के तेज होने के चलते हमें भूख तो लगती ही है। साथ ही सर्दियों में शरीर का तापमान भी कम ही रहता है। ऐसे में शरीर का कम तापमान भूख को अधिक उत्तेजित कर देता है। इसके बाद शरीर जैसे ही भोजन करता है तो तापमान बढ़ने लगता है।

सर्दियों के दौरान शरीर खुद को गर्म रखने के लिए अधिक मेहनत करता है, जिसकी वजह से ऊर्जा अधिक इस्तेमाल होता है और भूख लगने लगती है। लेकिन इसका मतलब कतई यह नहीं है कि आप ओवरइटिंग करने लगें।

सर्दियों के दौरान कुछ खास चीजों का सेवन करके और कुछ चीजों से दूरी बनाकर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। अब तक ऐसे ढेरों अध्ययन हो चुके हैं जो सर्दियों के दौरान क्या खाना सही है और क्या नहीं इसकी वकालत करते हैं।