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सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने बाद अब देवबंद स्थित दारुल उलूम भड़क गया है। इस्लामिक अध्ययन के लिए दुनिया भर में मशहूर दारुल उलूम देवबंद के मुखिया मौलाना अब्दुल कासिम नोमानी ने सऊदी सरकार के फैसले को गलत करार देते हुए निंदा की है। उन्होंने सऊदी अरब से अपील की है कि वह अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करें। उन्होंने कहा कि यदि तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा रहेगा तो मुसलमानों के बीच गलत संदेश जाएगा। यह पहला मौका है, जब देवबंद की ओर से खुलकर सऊदी सरकार की आलोचना की गई है।
आपको बता दें कि सऊदी अरब सरकार ने तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था। सऊदी अरब के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने तबलीगी जमात पर कड़ी टिप्पणी करते हुए उसे आतंकवाद का द्वार भी बताया था। प्रमुख मुस्लिम एक्टिविस्ट जफर सरेशवाला ने कहा, 'मैं सऊदी अरब की सरकार के फैसले से सरप्राइजज हूं। तबलीगी जमात ने तो हमेशा अतिवादी विचारों का विरोध किया है। आज के दौर के सभी जिहादी मूवमेंट्स से उसने दूरी बनाए रखी है। यहां तक कि तालिबान की ओर से भी कई बार तबलीगी जमात की निंदा की जा चुकी है।'
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की ओर से तबलीगी जमात को आतंकवाद का गेटवे बताना अस्वीकार्य और अविश्वसनीय है। इस बैन को लेकर अब तबलीगी जमात की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। जमात के प्रवक्ता समीरुद्दीन कासमी ने ब्रिटेन से एक वीडियो संदेश जारी कर रहा, 'तबलीगी जमात पर यह बड़ा आरोप है। इसका आतंकवाद से कोई कनेक्शन नहीं रहा है। तबलीगी जमात तो वह संगठन है, जो आतंकवाद को रोकता है, उसकी निंदा करता है और उससे दूरी बनाकर रखता है।' उन्होंने कहा कि हम किसी को भी किसी मजहब, संप्रदाय और देश के खिलाफ नहीं बोलने देते।
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