कोरोना महामारी में जब अपनों ने और रिश्तेदारों ने कंधा देने से इनकार कर दिया तो कुछ सेवकों ने लावारिस कोरोन शवों की जिम्मेदारी ली और क्रिया विधि के साथ कोविड से जान गंवाने वाले मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया है। इसी तरह से नागपुर के रहने वाले 67 साल के चंदन निमजे ने कोरोना वायरस के कहर के बीच 1,300 कोरोना शवों का अंतिम संस्कार किया है। इन लोगों को मुक्ति दिलाकर अब दादा चंदन निमजे खुद दुनिया से विदा हो गए हैं।


निमजे ने 1300 से ज्यादा शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया था। उनके परिजन बताते हैं कि उन्हें अस्पताल में बिस्तर तक नसीब नहीं हो सका। जानकारी के लिए बता दें कि चंदन निमजे को नागपुर के मेयर दयाशंकर तिवारी ने 'कोरोना वारियर' के सम्मान से नवाजा था। वे बीते 1.5 साल से ऐसे शवों के अंतिम संस्कार में मदद कर रहे थे, जिनसे उनके रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ लिया था।


केंद्र सरकार में सचिव स्तर की नौकरी से रिटायर हुए निमजे कोविड-19 की चपेट में आ गए थे। इस दौरान उनके परिवार को अस्पताल में बिस्तर और Tocilizumab इंजेक्शन के लिए खासा परेशान होना पड़ा,जो कि उनको नहीं मिला और उनकी मौत हो गई। निमजे के साथ काम करने वाले अरविंद रतौड़ी बताते हैं कि वे मुख्यमंत्री, कलेक्टर और एनएमसी आयुक्त के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में जल्द ही केस दर्ज कराने जा रहे हैं।