
त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद से ही तनाव का माहौल है राज्य में कई जगह हिंसा, मारपीट और मूर्ति तोड़े जाने की घटना भी सामने आई है। जिसको लेकर सीपीएम लगातार विरोध कर रही है और यहीं कारण है कि सीपीएम ने त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के बाद जारी हिंसा के विरोध में चारिलाम सीट से अपना उम्मीदवार हटा लिया है।
चारिलाम सीट पर 12 मार्च को चुनाव होने वाले हैं और राज्य के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव शर्मा बीजेपी के उम्मीदवार हैं। सीपीएम उम्मीदवार के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव नहीं हो सका था। इससे पहले सीपीएम ने चुनाव आयोग से चारिलाम सीट पर उपचुनाव को टालने की अपील की थी। आपको बता दें कि वामपंथी पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा था और आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ बीजेपी राज्य में सीपीएम के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ हिंसा का सहारा ले रही है। उन्होंने मांग की थी कि राज्य में हिंसा को देखते हुए सामान्य स्थिति बहाल होने तक वहां पर चुनाव न कराए जाएं।
No vandalism in Tripura, CPM propaganda still at work says @rammadhavbjp
— CPI (M) (@cpimspeak) March 9, 2018
Stop your lies! This is typical #RSSLies at work. These pictures are from Tripura. Does this not qualify as violence and vandalism in RSS speak? pic.twitter.com/ovQkVSI4UD
बता दें, त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद से राज्य में सीपीएम को हिंसा का सामना करना पड़ा था। सीपीएम के दफ्तरों पर हमले के साथ ही बैनर्स भी फाड़े जाने की घटना सामने आई थी। बीजेपी के पक्ष में आए चुनाव परिणामों के बाद से ही लेफ्ट पार्टी के खिलाफ जगह-जगह माहौल देखने को मिल रहा था। सीपीएम ने इन हिंसक हरकतों के लिए बीजेपी को ही कसूरवार ठहराया है।
गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद हुई इस कार्रवाई के बाद तमाम वामपंथी दलों ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए बीजेपी पर राज्य में भय फैलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद देश में कई जगहों पर पेरियार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और बापू की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने की घटनाएं हुईं। पीएम मोदी ने इन घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई थी। गृह मंत्रालय ने मूर्तियों की सुरक्षा के लिए निर्देश जारी किए थे।
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