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कोरोना वायरस में यूके वैरिएंट के बाद अब दक्षिणी अफ्रीकी और ब्राजील वैरिएंट सामने आया है। ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि फरवरी के पहले हफ्ते में SAS-CoV-2 के ब्राजील वैरिएंट पता चला है। वैक्सीन की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए प्रयोग चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीलियाई वैरिएंट, यूके के वैरिएंट से अलग हैं।
इंडियन सेंटर फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से यहां लौटने वाले 4 लोगों में दक्षिण अफ्रीकन स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग की गई है और उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। इसके अलावा ब्राजीलियाई वैरिएंट से भी जुड़ा एक मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि यूके वैरिएंट के अब तक देश में 187 मामले हैं। यूके वैरिएंट से संक्रमित लोगों में से किसी की मृत्यु नहीं हुई है। सभी पॉजिटिव केस क्वारंटाइन किए जा चुके हैं और उनका इलाज चल रहा है। उनके संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट किया गया है और टेस्ट भी कराया गया है। हमारे पास उपलब्ध वैक्सीन में वायरस के यूके वैरिएंट को भी निष्प्रभावी करने की क्षमता है। ICMR-NIV पुणे में वायरस स्ट्रेन को सफलतापूर्वक आइसोलेट किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हमने यूके से आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण किया है, जो लोग पॉजिटिव पाए गए उनका जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है। यह एक अच्छी रणनीति है। मुझे उम्मीद है कि हम दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से उड़ानों के लिए इसी तरह की रणनीति का पालन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से भारत जाने वाली उड़ानें खाड़ी देशों से होकर जाती है, भारत के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है। नागर विमानन मंत्रालय पूरे मामले को देख रहा है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर भार्गव ने यह भी कहा, 'आईसीएमआर-एनआईवी SAS-CoV-2 के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट को आइसोलेट करने और संवर्धन करने का प्रयास कर रहा है, जबकि SAS-CoV-2 के ब्राजीलियाई वैरिएंट को आईसीएमआर-एनआईवी-पुणे ने आइसोलेट कर लिया है।
आईसीएमआर के महानिदेशक ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट, अमेरिका समेत दुनिया के 41 देशों में फैल चुका है। भारत में, दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के 4 मामले सामने आए हैं और ये लोग अंगोलिया (1), तंजानिया (1) और दक्षिण अफ्रीका (2) से आए थे। जबकि यूके वैरिएंट दुनिया के 82 देशों में फैल चुका है जबकि ब्राजील का स्ट्रेन 15 देशों में फैला है। भारत में इसका पहला मामला फरवरी के पहले हफ्ते में सामने आया था।
दूसरी ओर, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है और इसके खात्मे के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि करीब 87 लाख से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। गोवा, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत 8 राज्यों में पात्र स्वास्थ्यकर्मियों में से 60 फीसदी से अधिक लोगों को दूसरा डोज दिया जा चुका है। जबकि दिल्ली और कर्नाटक टीकाकरण को लेकर फिसड्डी राज्यों में शुमार हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि राजस्थान, सिक्किम, झारखंड, मिजोरम, केरल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, एमपी, उत्तराखंड और लक्षदीप में 70% से अधिक पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि राजधानी दिल्ली समेत 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों में से 50 फीसदी से कम को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। दिल्ली में यह दर 42.36 फीसदी है तो सबसे कम दर पुड्डुचेरी का है जहां 22.62 फीसदी लोगों को ही डोज दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केरल और महाराष्ट्र में कोरोना एक्टिव केसों की संख्या अभी भी ज्यादा है। इन दो राज्यों में देश के कुल एक्टिव केस का 72 फीसदी है। केरल में 61,550 और महाराष्ट्र में 37,383 एक्टिव केस हैं।
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