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भारत में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि अब वैक्सीन लगाने की उम्र सीमा को प्रतिबंधित ना रखा जाये. आईएमएने कहा कि अभी हम 45 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगा रहे हैं, लेकिन देश में कोरोना की जो रफ्तार है उसमें खतरा हर आयुवर्ग के लोगों पर है, इसलिए आयुसीमा को समाप्त कर देना चाहिए.
गौरतलब है कि देश में लगातार तीन दिन से 90 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, पांच अप्रैल को एक लाख से ज्यादा मामले सामने आये थे. यही कारण है कि आईएमए ने वैक्सीनेशन की रणनीति बनवाने पर जोर दिया है. कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन का काम युद्धस्तर पर चलाना होगा.
आईएमए ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि 18 साल से ऊपर के सभी व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने की इजाजत दे दी जाये. साथ ही सभी व्यक्तियों को मुफ्त में कोरोना का वैक्सीन दिया जाये ताकि वे अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा सकें. प्राइवेट क्लीनिक को भी वैक्सीन लगाने की इजाजत दी जाये.
वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट पब्लिक प्लेस पर दिखाना अनिवार्य होगा, सर्टिफिकेट के बिना पब्लिक प्लेस पर इंट्री ना दी जाये. साथ ही पब्लिक ड्रिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम के तहत उन्हें सामान लेने से रोका जाये.
आईएमए ने सिफारिश की है कि कोरोना का चेन तोड़ने के लिए सीमित समय के लिए लाॅकडाउन लगाना उचित कदम होगा, साथ ही लोगों को कोरोना का वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करना भी जरूरी है. कोरोना से लड़ने के लिए यह जरूरी है कि वैक्सीन लगाने पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाये.
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