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कोरोना वायरस से बचाव के लिए अब वैक्सीन के अलावा गोलियां भी आने वाली है। जी हां, वैज्ञानिक कुछ ऐसी ऐंटीवायरल दवाएं विकसित करने में लगे हैं जो आसानी से गोलियों के रूप में ली जा सकें। इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए टैमीफ्लू काफी चर्चित दवा है। लोगों और जानवरों में वायरस के संक्रमण के इलाज और निवारण के लिए विकसित दवाएं अलग-अलग ढंग से काम करती हैं। लेकिन अब इन दवाओं में फेरबदल कर इनका प्रयोग संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। ये दवाएं स्वस्थ कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को अवरुद्ध कर सकती हैं या शरीर में सक्रिय वायरस की मात्रा कम कर सकती हैं।
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कोरोना वायरस के लिए फिलहाल 3 ऐंटीवायरल दवाएं चर्चा में हैं। इनमें से एक दवा मोलनुपिराविर है जिसका क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। बाकी 2 के भी क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं। मोलनुपिरविर दवाई को मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायो थेरेप्यूटिक्स ने बनाया है। वहीं, फाइजर की पीएफ 07321332 नामक दवा तथा रोश और एटी फार्मास्युटिकल्स की एटी-527 नामक दवा भी आने वाली है।
मर्क कंपनी का दावा है कि मोलनुपिराविर कोविड से मौत का रिस्क आधा कर देती है। कंपनी इस दवा के आपात उपयोग के लिए आवेदन करने जा रही है। यदि इसे अनुमति मिल गई तो यह दुनिया में कोविड की पहली ऐंटीवायरल दवा होगी। यह दवा मूल रूप से इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए विकसित की गई थी।
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