कोरोना वायरस दुनिया में बहुत ही तेजी से फैल कर कई अवतार ले चुका है। दुनिया में त्रास्दी मचाने वाली महामारी ने लोगों के जीवन को तहस नहस कर दिया है। कोरोना काल मे जैसे धरती थम सी गई है। कई कोशिशों के बाद भी कोरोना को खत्म नहीं किया जा सका है। हाल ही बात करें तो कोरोना के खिलाफ वैक्सीन आ गई है लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे हैं। जिससे कोरोना तो खत्म हो रहा है लेकिन दूसरी और नई बिमारी सामने आ रहा है।


पहले लोगों को कोरोना की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार था लेकिन अब लोगों के मन यह सवाल आने लगा है कि आखिर यह कोरोना वायरस कब खत्म होगा। इसको लेकर की  तरह की भविष्यवाणी की गई है लेकिन सच क्या है इसके बारे में किसी को नहीं पता है। वैज्ञानिक कई बार यह कह चुके हैं कि यह वायरस इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है। इसी तरह से कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी बायोएनटेक के मुख्य कार्यकारी उगर साहिन ने भी दावे के साथ कहा है कि कोरोना वायरस कम से कम 10 साल तक जिंदा रहेगा।


खत्म होना के इसके कम ही चांस है क्योंकि यह हर मौसम के साथ अपने आपको बदल रहा है। हर बार यह एक नए रूप में सामने आ रहा है जिससे इसको खत्म करना बहुत ही मुश्कील है। इसी तरह से वायरस के नए स्ट्रेन (प्रकार) ने लोगों से लेकर वैज्ञानिकों तक की चिंताएं बढ़ा दीं है। क्योंकि वायरस 70 फीसदी अधिक संक्रामक है। कोरोना का स्ट्रेन रूप कई देशों में फैल चुका है, जिसमें स्पेन से लेकर स्वीडन, स्विटजरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के नए स्ट्रेन से इस वैक्सीन का असर कम नहीं होगा।