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कोरोना महामारी से सबसे बुरी तरह जूझ रहे महाराष्ट्र में तेजी से लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। एक तरफ केंद्र के साथ वैक्सीन की जंग और दूसरी ओर वैक्सीन का स्टॉक लगभग समाप्त - ऐसी स्थिति के बावजूद महाराष्ट्र टीकाकरण अभियान में सबसे आगे है। 9 अप्रैल (आज) को जारी किये गये नये आंकड़ों के अनुसार, राज्य में सबसे अधिक 93,38,531 वैक्सीन लग चुकी है, जिसमें 84,35,010 पहली खुराक और 9,03,521 दूसरी खुराक लगी है।
इसके बाद राजस्थान में 88,07,351 खुराक दी जा चुकी है, जिसमें 77,72,197 पहली खुराक और 10,35,194 दूसरी खुराक शामिल है। राजस्थान के बाद गुजरात में 84,75,305 खुराक लग चुकी है, जिसमें 75,01,404 पहली खुराक और 9,73,901 दूसरी खुराक शामिल है। महा विकास अघाडी सरकार के शीर्ष नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र महाराष्ट्र को पर्याप्त संख्या में वैक्सीन नहीं दे रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी गुजरात और अन्य राज्यों पर ध्यान दे रही है। महा विकास अघाडी पर कटाक्ष करते हुए महाराष्ट्र भाजपा प्रतिपक्ष के नेता फडणवीस ने गुरुवार शाम को कहा कि टीके की आपूर्ति जनसंख्या के आधार पर नहीं हो रही है, बल्कि राज्य के वैक्सीन देने के प्रदर्शन पर आधारित है।
महा विकास अघाडी नेताओं के बयानों का खंडन करते हुए फडऩवीस ने यह भी बताया कि केंद्र द्वारा केवल तीन राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान) को 1 करोड़ से अधिक खुराक दी गई है। महाराष्ट्र में 12 करोड़ की आबादी है, जबकि गुजरात और राजस्थान में लगभग 6 करोड़ की आबादी है। आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश 81,45,161 टीकाकरण के साथ चौथे स्थान पर है, जिसमें 69,51,956 पहली खुराक और 11,93,205 दूसरी खुराक शामिल हैं। सूची में सबसे नीचे केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप द्वीप समूह (10,737), दमन और दीव में (28,441), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (30,799) और दादरा और नगर हवेली (31,851) जैसे छोटे क्षेत्र हैं।
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