अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने सांसदों से कहा कि भारत ने ‘गलत धारणा’ बनाई कि वहां कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप समाप्त हो गया है और समय से पहले देश को खोल दिया जिससे वह ऐसे ‘गंभीर संकट’ में फंस गया है।

फाउची ने कोविड-19 प्रतिक्रिया पर सुनवाई के दौरान सीनेट की स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम एवं पेंशन समिति से कहा, भारत अभी जिस गंभीर संकट में है उसकी वजह यह है कि वहां असल में मामले बढ़ रहे थे और उन्होंने गलत धारणा बनाई कि वहां यह समाप्त हो गया है और हुआ क्या, उन्होंने समय से पहले सब खोल दिया और अब ऐसा चरम वहां देखने को मिल रहा है जिससे हम सब अवगत हैं कि वह कितना विनाशकारी है।

डॉ. फाउची अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीजेज’ (एनआईएआईडी) के निदेशक हैं और राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार भी हैं। सुनवाई की अध्यक्षता कर रही, सीनेटर पैटी मुर्रे ने कहा कि भारत में हाहाकार मचा रही कोविड-19 की लहर इस बात की दर्दनाक याद दिलाती है कि अमेरिकी यहां तब तक वैश्विक महामारी को समाप्त नहीं कर सकते जब तक कि यह सब जगह समाप्त न हो जाए।

वहीं कोरोना वायरस का भारतीय वेरिएंट बी.1.617 दुनिया के 44 देशों में दस्तक दे चुका है। ये वेरिएंट सबसे पहले पिछले साल अक्टूबर में महाराष्ट्र में पाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना का भारतीय वेरिएंट 44 देशों में डिटेक्ट हुआ है। ये सभी देश विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी 6 रीजन में स्थित हैं। भारत में पाया गया कोरोना का बी.1.617 वैरियंट बेहद खतरनाक है।