कोरोना संक्रमण के नए केस लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे है। स्थिति यह है कि नए नए इलाके हॉट-स्पॉट बन रहे है। दूसरी ओर इसके लक्षण भी बदल रहे है, जिससे आमजन की चिंता और बढ़ गई है। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर का भारी प्रकोप देखने को मिल रहा है। इस वजह से सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी-आइपीडी में मरीजों की संख्या भी बढ़ रह है। जिसमें ज्यादातर मरीजों में इन दिनों बुखार- खांसी, सर्दी-जुकाम के अलावा अब सिर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी, बैचेने और पेट दर्द, डायरिया जैसे लक्षण देखने को मिल रहे है। 

कई मरीजों तेज सिरदर्द के साथ ही गंध और स्वाद महसूस न होने की भी शिकायत कर रहे है। चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह के लक्षण पाए जाने पर मरीजों की जांच करवाइ जिनमें कई कोरोना संक्रमित पाए गए है। ऐसे में इन लक्षणों को नजर अंदाज करना ठीक नहीं है। कुछ इसे मौसमी असर भी मान रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि, इस तरह के लक्षणों के साथ सांस फूलने की शिकायत भी कोविड का बड़ा संकेत है। उनका कहना है कि नए ट्रेंड को देखते हुए बुखार आने का इंतजार किए बिना ही कोरोना की जांच करना जरूरी है। कई मरीजों में बुखार आठ से दस दिन तक भी नहीं उतर रहा है। ऐसी स्थिति में लापरवाही नुकसान दायक साबित हो सकती है।

चिकित्सकों ने बताया कि, इन दिनों कोरोना के जो मरीज सामने आ रहे है। उनमें 35-40 फीसदी ऐसे है जिनमें सिरदर्द रहा बुखार हुआ और सुंगध-स्वाद भी खत्म हो गया। इन सबमें बुखार सामान्य है। सांस फूलने वाले मरीज इन दिनों काफी संख्या में पहुंच रहे है। हालांकि इनमें शामिल कई लक्षण सामान्य भी माने जाते है फिर भी लापरवाही नहीं बरतें।