दुनियाभर के देश कोरोना से प्रभावित हैं। करोड़ों लोगों के कोरोना संक्रमित होने और लाखों लोगों की मौत के बीच विश्व की कई कंपनियां कोरोना वैक्सीन निकलने की कोशिश में हैं। इस बीच भारत में कोरोना के तोड़ को लेकर नई उम्मीद जगी है। कोरोना से बचाव के लिए टीके के साथ जल्द ही दवा भी मिल सकती है। देश में पहली बार संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा को अंतिम परीक्षण की मंजूरी दी गई है। जाइडस कैडिला कंपनी बायोलॉजिकल थैरेपी की मदद ले रही है। दूसरे चरण के परीक्षण में जिन 40 मरीजों को दवा दी गई थी उनकी स्थिति गंभीर होने से बच गई। साथ ही ऑक्सीजन की कमी में भी सुधार देखने को मिला।

कंपनी के एमडी डॉ. शरविल पटेल ने बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मिलने के बाद देश के 25 अस्पतालों में भर्ती 250 मरीजों पर परीक्षण होगा। दूसरे चरण में जिन मरीजों को एक खुराक दी गई उनमें 95 फीसदी संक्रमण मुक्त हुए। बायोलॉजिकल थैरेपी को 2001 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आवश्यक दवाओं की सूची में जोड़ा था। हेपेटाइटिस सी में इस्तेमाल होने वाली इस दवा को भारतीय बाजार में 2011 में अनुमति मिली थी। जाइडस कैडिला कोरोना का टीका भी विकसित कर रहा है जो परीक्षण के दूसरे चरण में हैं। यह भारत का दूसरा स्वदेशी टीका है।

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ सप्ताह में कोरोना के टीके आने के संकेत दे दिए हैं, ऐसे में दिल्ली में टीकाकरण के लिए खास तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। दिल्ली में 40 से 50 लाख लोगों को मिलने वाले टीके को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है। यहां सबसे बड़ा टीकाकरण केंद्र पूर्वी दिल्ली में बनाया जा रहा है। ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अलग से भंडारण की व्यवस्था हो रही है। जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस का टीका 2 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकता है। एक बार में लाखों डोज सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली सरकार फ्रिजर को लेकर काम कर रही है। यह एक अलग तरह के फ्रिजर है, जिसमें कई महीनों या साल तक टीका को सुरक्षित रखा जा सकता है। अभी तक ऐसे फ्रिज विज्ञान मंत्रालय के फरीदाबाद स्थित ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट में रखे हुए हैं। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक टीका भंडारण का काम पूरा होगा। केंद्र से टीका मिलने के बाद यही से दिल्ली के विभिन्न केंद्रों तक टीका उपलब्ध कराया जा सकेगा। टीका को लाने ले जाने के लिए अलग से फ्रिजरयुक्त ट्रकों का इंतजाम भी किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार पूर्वी दिल्ली में एक ही क्षेत्र में कम से कम पांच शिविर लगाए जा सकेंगे जहां कोरोना वायरस का टीकाकरण होगा। जीटीबी, स्वामी दयानंद अस्पताल, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट और राजीव गांधी अस्पताल आसपास होने के चलते यहां शिविर लगेंगे। वहीं इसी तरह के तीन से अधिक शिविर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, जीबी पंत, लोकनायक अस्पताल, गुरु नानक नेत्र चिकित्सालय के परिसर में लग सकते हैं। हालांकि इतनी तादाद में शिविर लगाने की आवश्यकता तभी होगी जब केंद्र की ओर से दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को टीका उपलब्ध कराया जाएगा।