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अगर देश में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आती है, तो 57 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इसके लिए आम जनता द्वारा कोरोना नियमों के उल्लंघन को जिम्मेदार ठहराएंगे। एक सर्वे के मुताबिक मुताबिक सिर्फ 34 फीसदी ही तीसरी लहर के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे। ट्रैकर का नमूना आकार 1815 है।
हालांकि, टीकाकरण की उपलब्धता को लेकर चिंता है क्योंकि 47 प्रतिशत ने कहा कि टीके की खुराक अभी तक आसानी से उपलब्ध नहीं है और एक लंबी प्रतीक्षा अवधि है। 42 प्रतिशत से कम ने कहा कि टीके की खुराक अब आसानी से उपलब्ध है। लोगों ने यह भी माना कि सरकार ने ऑक्सीजन संकट पर देर से प्रतिक्रिया दी। 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि हर जिले में चिकित्सा ऑक्सीजन सुविधाएं स्थापित करने का सरकार का निर्णय देर से लिया गया, जबकि 38 प्रतिशत ने कहा कि निर्णय सही समय पर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश के चुनावों पर ट्रैकर को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के अगले साल राज्य में 100 सीटों पर चुनाव लडऩे के आह्वान पर बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया मिली। 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि ओवैसी की पार्टी पश्चिम बंगाल की तरह उत्तर प्रदेश में अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी, जबकि 28 प्रतिशत ने कहा कि पार्टी बिहार और महाराष्ट्र के प्रदर्शन को दोहराएगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनावों में हिंसा का सहारा लेने और सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के आरोपों का सामना करने के बाद, 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि विभिन्न राज्यों में सत्तारूढ़ दल हिंसा या मशीनरी का दुरुपयोग नहीं करते हैं।
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