वैश्विक महामारी कोविड-19 का इफेक्ट 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह पर भी दिखाई देगा। इस बार राजपथ पर निकलने वाली झाकियों-प्रदर्शनियों की संख्या में कटौती की जाएगी और परेड भी छोटी होगी। गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटे एक अधिकारी ने कहा कि हर साल 1 लाख से अधिक लोगों की तुलना में इस बार महज 25 हजार लोगों को राजपथ पर परेड देखने की इजाजत मिलेगी। उन्होंने कहा कि आम जनता से केवल 4,000 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी, बाकी दर्शक वीवीआईपी और वीआईपी मेहमान होंगे।

गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए दर्शकों को या तो पास या फिर टिकट की आवश्यकता होती है। इसके अलावा बोट क्लब के पास और इंडिया गेट लॉन में स्थित खुले स्टैंडिंग इलाके में इस बार किसी को भी आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जहां भव्य परेड देखने के लिए हर साल हजारों लोग इक_ा होते हैं। अधिकारियों ने कहा कि केवल 15 वर्ष से अधिक और 65 वर्ष से कम आयु के लोगों को ही परेड देखने की अनुमति दी जाएगी।

दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए राजपथ के पास स्टैंड को कुर्सियों के साथ बदल दिया गया है। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए नए मानदंड निर्धारित किए जा रहे हैं। इस साल तीनों रक्षा बलों, हथियार प्रणालियों और अर्धसैनिक बलों के समूहों के मार्च करने वाली मुख्य परेड लाल किले तक जाने के बजाय इंडिया गेट पर ही समाप्त हो जाएगी। हालांकि, झांकी को लाल किले के मैदान तक जाने की अनुमति दी जाएगी। इतना ही नहीं, गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वालीं सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की टुकडिय़ों का आकार छोटा होगा। इन दस्तों में हर साल की तरब 144 की तुलना में इस बार केवल 96 प्रतिभागी होंगे। गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस पर भी कोरोना का साया था, जिसकी वजह से कम ही मेहमानों के साथ आजादी का जश्न मनाया गया था।