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मध्यप्रदेश में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है, जिसे देखते हुए सीएम शिवराजसिंह चौहान ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी, वहीं दमोह में विधानसभा चुनाव होने के कारण इसे लॉक डाउन से बाहर रखा गया है, जबकि यहां पर भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, प्रतिदिन तीन से ज्यादा पाजिटिव मामले सामने आ रहे है, यहां तक कि अभी तक 94 लोगों की मौत हो चुकी है, इसके बाद भी शहर को लॉकडाउन के दायरे से बाहर कर दिया गया है. क्योंकि यहां के विधानसभा चुनाव को ज्यादा महत्व दिया गया है कोरोनों संक्रमण को नहीं।
बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रतलाम, खरगौन में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया, इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों को लॉकडाउन के दायरे लाया गया सिर्फ दमोह को छोड़कर क्योंकि प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने विधानसभा उपचुनाव को ज्यादा महत्व दिया है, इलेक्शन के चलते यहां पर लॉक डाउन नहीं लगाया गया है, आमसभाओं में भारी भीड़ हो रही है, कोरोना गाइड लाइन का उल्लघंन किया जा रहा है, हर तरफ इस बात को लेकर चर्चाओं का माहौल है, कि जहां पर भी चुनाव होते है कोरोना वहां नहीं जाता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है, दमोह में प्रतिदिन 30 से ज्यादा पाजिटिव मामले सामने आ रहे है, लेकिन सरकारी आंकड़ों में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम ही दर्शाई जा रही है ताकि दमोह को लॉकडाउन से बाहर रखा जाए, यहां तक कि लोगों की मौत भी हो रही है, अभी तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकारी आंकड़ा 94 पर ही अटका कर रखा गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश भर में लोगों को सोशल डिस्टेसिंग व मास्क लगाने का पाठ पढ़ा रहे है सार्वजनिक कार्यक्रम व राजनैतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया, लेकिन दमोह विधानसभा क्षेत्रों में सारे कार्यक्रमों को छूट देकर रखी गई है, यहां तक कि पिछले दिन ग्राम बांसा में हुई आमसभा की भीड़ लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमें सीएम शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रहलाद पटैल व मंत्री गोपाल भार्गव शामिल रहे, यहां पर न तो गाइड लाइन का पालन किया गया, न ही इसे लेकर लोगों में कोई जागरुकता नजर आई।
गौरतलब है कि दमोह में अभी तक 3507 कोरोना पाजिटिव मिल चुके है, वर्तमान में 105 मरीज अस्पताल में इलाजरत है, इसके बाद भी यहां पर कोरोना के किसी भी नियम को माना जा रहा है, यहां पर किसी प्रकार से कोरोना का सख्ती से पालन नहीं कराया जा रहा है जिसे देखते हुए यही कहा जा रहा है कि कोरोना पर विधानसभा उपचुनाव भारी पड़ रहा है, यहां पर चुनाव तक छूट है, इसके बाद सख्ती हो सकती है, प्रदेश सरकार के दोहरे मापदंड आमजन के बीच चर्चा का विषय बने हुए है।
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