/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2022/05/03/northest-1651560355.jpg)
कोरोना वायरस की चौथी लहर ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। विदेशों में में हालात बहुत ही ज्यादा खराब है साथ ही चीन में कोरोना ने ऐसा आतंक मचाया है कि 26 शहरों में जिंगपिंग सरकार को लॉकडाउन लागू करना पड़ा है। यहां 21 करोड़ से ज्यादा लोग अपने घरों में कैद है। कोरोना भारत देश में भी धीरे धीरे पांव फैला रहा है। सवाधानी बरतनें पर हालात नियत्रंण में हैं।
कोरोना के मामले में कमी नहीं आने के बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। अप्रैल के दौरान जिनपिंग ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत की, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के बारे में कोई बयान नहीं दिया। यहां तक कि 2.5 करोड़ की आबादी वाले शंघाई के लोगों को टेलीविजन पर भी संबोधित नहीं किया।
चीन के कई शहरों में लॉकडाउन के कारण लोगों को खाने पीने की चीजों की सप्लाई के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। राष्ट्रपति जिनपिंग ने पहले लगभग 75 लाख सरकारी कर्मचारियों को राहत सामग्री वितरण और अन्य कामों में लगाया। सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम पड़ने लगी तो अब कम्युनिस्ट पार्टी के लगभग 50 लाख कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा है।
26 शहरों में लॉकडाउन के कारण चीन की 22% GDP पर असर पड़ रहा है। ऐसे में चीन की 1126 लाख करोड़ की कुल GDP में से 247 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार चीन का मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट भी पिछले दो साल के दौरान सबसे कम रहा है।
चीन के झिजिंगयान, जिलिन, शंघाई, बीजिंग समेत 8 प्रांतों में लगभग दो महीने से स्कूल बंद हैं। यहां ओमिक्रॉन वायरस के कारण संक्रमण के केस कम नहीं हो रहे हैं/ जिनपिंग सरकार ने इन प्रांतों के स्कूलों में पढ़ने वाले प्राइमरी के बच्चों की कोरोना वायरस टेस्टिंग के आदेश दिए हैं। बच्चों को घरों से लाकर जांच हो रही है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |