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रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के लोकार्पण समारोह (Inauguration ceremony of Rani Kamalapati railway station) से विवाद भी जुड़ गया है. लोकार्पण समारोह के लिए आमंत्रण कार्ड को बांटने के बाद रेलवे ने बदल दिया है. बताया जा रहा है कि यह बदलाव भाजपा संगठन की आपत्ति के बाद देर रात लिया गया है. कार्ड बंटने के बाद रेलवे ने (Railways removed the names of 9 people's representatives of Congress-BJP from the card) कांग्रेस-भाजपा के 9 जनप्रतिनिधियों के नाम कार्ड से हटा दिए. इस पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि यह सरकार ही धोखे वाली है. आरिफ मसूद के विधानसभा क्षेत्र में ही यह कार्यक्रम हो रहा है.
रेलवे ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के लोकार्पण (Inauguration of Rani Kamalapati Railway Station) के आमंत्रण कार्ड में प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय रेलवे मंत्री समेत कांग्रेस-भाजपा के 13 जनप्रतिनिधियों के नाम शामिल किए थे. रेलवे ने कांग्रेस के विधायकों के नाम जोडऩे का तर्क दिया कि रेलवे ट्रैक उनके विधानसभा क्षेत्र से होकर जा रहा है. रेलवे स्टेशन का नाम बदलने पर कांग्रेस के आपत्ति लेने के बावजूद उनका नाम होने पर भाजपा संगठन ने आपत्ति जताई. केन्द्रीय रेल मंत्री ने भी रेलवे के अधिकारियों को फटकार लगाई. इसके बाद कई लोगों को आमंत्रण कार्ड बंट चुकने के बाद भी कार्ड में बदलाव कर इसे दोबारा बांटा गया.
कार्ड से भाजपा नेताओं के नाम भी हटाए गए
कार्ड में से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सांसद रमाकांत भार्गव, राज्यसभा सांसद एमजे अकबर, कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, भाजपा विधायक कृष्णा गौर, कांग्रेस विधायक आरिफ अकील, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और भाजपा विधायक सुरेन्द्र पटवा का नाम हटा दिया गया और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णण के नाम ही रखे गए.
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