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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक भानू लाल साहा ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि राज्य के लोग ‘सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडों’ के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए लाठियां और लोहे की छड़ें साथ रखें। विधायक की इस टिप्पणी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा विरोध किया और वामदल के विधायक पर राज्य में ‘अशांति पैदा करने के मकसद से स्थानीय लोगों को हथियार उठाने के लिए भड़काने’ का आरोप लगाया।
भाजपा की राज्य इकाई की महासचिव पापिया दत्ता ने साहा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘माकपा लोगों से हथियार उठाने के लिए कहकर उन्हें भड़का रही है और राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है। यह अवैध और उकसाने वाला है। हम इस प्रकार के बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चाहते हैं।’
साहा ने मंगलवार को फेसबुक पर लिखा था, ‘भले ही आप किसी भी आयु वर्ग से संबंध रखते हो, भले ही किसी भी लिंग से संबंध रखते हों, उनके द्वारा फेंकी जाने वाली ईंटों, मारी जाने वाली लातों, फेंके जाने वाले पेट्रोल बम का सामना करने के लिए लाठियां, दरांतियां, लोहे की छड़ें आदि पास रखें। हमलावरों का सामना करने के लिए साहस जुटाएं। आत्मरक्षा के लिए हथियार उठाना अपराध नहीं है। उनका सामना किए बिना जीवन और सम्पत्ति की रक्षा करना असंभव है।’
उन्होंने लिखा, ‘हे युवाओं, आग बन जाओ। सैकड़ों-हजारों युवाओं को तैयार रहना चाहिए। सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडों का सामना साहस से करें। वफादारी के साथ लोगों के साथ जुड़ें और मोर्चा संभालें।’ दत्ता ने आरोप लगाया कि 25 साल तक राज्य पर शासन करने के लिए ‘हिंसा और आतंक’ का सहारा लेने वाली माकपा इसी प्रकार के हथकंडे अपनाकर सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्षों तक अध्यापक के रूप में सेवाएं देने वाले व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का बयान देना ‘अशोभनीय और अनुचित’ है। भाजपा ने कहा कि विपक्षी पार्टी ऐसे समय में ‘हिंसा भड़का’ रही है, जब राज्य में भाजपा-आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) सरकार कोविड-19 से निपटने और लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के सभी प्रयास कर रही है।
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