कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (BJP) के प्रति फेसबुक (Facebook) द्वारा दिखाए जा रहे कथित ‘पक्षपात’ की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) (JPC Probe) से जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक अब ‘फेकबुक’ (Fakebook) में तब्दील हो गया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यह अब ‘फेकबुक’ में तब्दील हो गया है और हम अपने चुनावों को प्रभावित करने में फेसबुक की भूमिका की जांच के लिए जेपीसी जांच की मांग करते हैं। 

उन्होंने कहा, सब जानने के बावजूद, फेसबुक ने अपनी आंतरिक रिपोर्टों के आधार पर आरएसएस (RSS) और बजरंग दल (Bajrang Dal) को खतरनाक संगठनों के रूप में नामित क्यों नहीं किया? भारत सरकार सोशल मीडिया सुरक्षा अनुपालन का हवाला देते हुए ट्विटर के खिलाफ बेहद सक्रिय थी, फिर अब वे एक शब्द भी क्यों नहीं बोल रहे हैं? खेड़ा ने कहा कि फेसुबक की सुरक्षा टीम की आंतरिक रिपोर्ट और सिफारिशें फेसबुक (Facebook) की सुरक्षा टीम की सिफारिशों के विरुद्ध गईं। जहां तक उन्होंने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता दी है और फिर भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है, क्या यह स्पष्ट रूप से ‘क्विड प्रो क्वो’ यानी गड़बड़ी की उपस्थिति को नहीं दर्शाता है?

खेड़ा ने आरोप लगाया कि फेसबुक (Facebook) भारत के एक विशेष वर्ग के लिए अत्यधिक जागरुक था और है। इसी वजह से फेसबुक ने इनके खिलाफ कार्रवाई न करने का फैसला किया है। खेड़ा ने कहा कि ‘फेकबुक’ भारत में उत्पीडि़त और हाशिए पर रहने वाले लोगों के मन में कट्टरता, घृणा और भय का प्रचार करने के लिए सत्तारूढ़ शासन और उसके प्रॉक्सी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक शातिर शैतानी उपकरण के अलावा और कुछ नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे कई सवाल हैं, जिनका उत्तर फेसबुक और सरकार को देना चाहिए। इसलिए हम मांग करते हैं कि एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) (JPC Probe) की जांच के तुरंत आदेश दिए जाएं। कांग्रेस नेता ने कहा, यह साबित करता है कि ‘फेकबुक’ और कुछ नहीं बल्कि भारत में उत्पीडि़त और हाशिए पर रहने वाले लोगों के मन में कट्टरता, नफरत और भय फैलाने के लिए सत्तारूढ़ शासन और उसके छद्मों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक शातिर शैतानी उपकरण है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के लोगों के प्रति कंपनी का बिल्कुल कठोर रवैया इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि वे अपने गलत सूचना बजट का 87 प्रतिशत अंग्रेजी बोलने वाले दर्शकों पर खर्च करते हैं, जबकि वे दर्शक उसके आधार का केवल 9 प्रतिशत ही हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के करीब 37 करोड़ यूजर्स हैं, जिसके साथ फेसबुक का देश में बहुत बड़ा बाजार है, जिसके चलते 0.2 फीसदी रिपोर्ट, जो अभद्र भाषा में आती हैं, उन्हें हटाया जा रहा है, जो दर्शाता है कि फेसबुक (Facebook) सामग्री के बारे में ‘हानिकारक’ तीव्र जागरूकता है और यह जारी है। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि इसने भारतीय समाज के एक विशेष वर्ग के खिलाफ और जानबूझकर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है। खेड़ा ने कहा, हम सभी को अंखी दास से जुड़ी घटना याद है, जिनसे संसदीय पैनल ने फेसबुक द्वारा कथित पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाए जाने, सत्तारूढ़ भाजपा के लिए उनके स्पष्ट समर्थन को लेकर पूछताछ की थी। पवन खेड़ा (Pawan Kheda)  ने आरोप लगाया कि उनके इस्तीफे के बावजूद, भाजपा-फेसबुक के बीच की दोस्ती और गठजोड़ कभी खत्म नहीं हुआ। तमाम आरोप लगाते हुए पवन खेड़ा ने फेसबुक को ‘फेकबुक’ करार दिया।