कांग्रेस ने कहा है कि गुजरात में सोमवार तक 71 दिन में एक लाख 23 हजार लोगों की मृत्यु की खबर गहरा सदमा देने वाली है और इससे लोग दहशत में है इसलिए केंद्र तथा राज्य सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 14 मई को गुजराती भाषा के समाचार पत्र में एक खबर प्रकाशित हुई जिसमें कहा गया है कि एक मार्च से 10 मई तक राज्य में लगभग एक लाख 23 हजार मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में राज्य में करीब 58 हजार मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। 

उन्होंने कहा कि एक साल में लगभग 65,000 मृत्यु प्रमाणपत्रों की वृद्धि चौंकाने वाली है और इस खबर से पूरे गुजरात में सदमे की लहर फैल गई है। उनका कहना था कि अगर यह बढ़ोतरी सही है तो मौतों की संख्या में होने वाली स्वाभाविक वार्षिक वृद्धि नहीं हो सकती। ऐसा केवल महामारी या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के चलते हो सकता है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमने इन 71 दिनों की अवधि के लिए दो आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि की। हमने 33 जिलों से आंकड़े एकत्रित किए है जिसमें मृत्यु प्रमाणपत्रों की संख्या का योग प्रकाशित खबर के लगभग बराबर है। इस पुष्टि के अनुसार 2020 में इस अवधि में 58 हजार 68 और इस साल इसी अवधि में एक लाख 23 हजार 873 लोगों की मृत्यु हुई है।  चिदंबरम और गोहिल ने कहा कि गत एक मार्च से 10 मई तक गुजरात सरकार ने आधिकारिक रूप से कोविड से होने वाली केवल चार हजार 218 लोगों की मौतों की बात स्वीकार की है। 

उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाणपत्रों 65 हजार 805 की संख्या और आधिकारिक रूप से जारी कोविड से होने वाली मौतों 4218 के बीच के इस भारी अंतर के आंकड़े को देखते हुए इस संबंध में स्पष्टीकरण साफ शब्दों में दिए जाने की जरूरत है क्योंकि यह मृतक संख्या में यह एवं स्वाभाविक वार्षिक वृद्धि या अन्य कारणों से होने वाली मौतें नहीं हैं। संदेह है कि मौतों में होने वाली यह वृद्धि कोविड के चलते हुई है और राज्य सरकार कोविड से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या को दबा रही है। पार्टी नेताओं ने कहा  किहमारे संदेह की पुष्टि इस तथ्य से हो जाती है कि गंगा नदी में सैकड़ों अज्ञात शव बहते हुए पाए गए और साथ ही लगभग 2000 अज्ञात शव गंगा नदी के किनारे रेत में दबे हुए भी मिले। हमें पूरा शक है कि भारत सरकार कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर नए संक्रमणों और कोविड से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या को दबा रही है। यदि हमारा शक सही है, तो यह देश के लिए शर्म और राष्ट्रीय त्रासदी के साथ एक गंभीर अपराध भी है।’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र और गुजरात सरकार को देश के लोगों को इसका स्पष्टीकरण देना होगा। हम उनके जवाब और इसके स्पष्टीकरण की मांग करते हैं।