ओडिशा कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकीम ने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाते हुए सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। मुर्मू के पक्ष में वोट डालने के बाद कांग्रेस के बाराबती-कटक विधायक मोकिम ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने देश के सर्वोच्च पद के लिए राज्य की बेटी के पक्ष में वोट देने का फैसला किया है। 

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जब उनसे यह सवाल किया गया कि उन्होंने राजग के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करके कांग्रेस पार्टी को धोखा नहीं दिया है तो कांग्रेस विधायक ने कहा कि चूंकि कोई व्हिप नहीं था इसलिए उन्होंने अपने विवेक के अनुसार मतदान किया है। उन्होंने कहा कि कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने उनसे राज्य की बेटी और एक आदिवासी महिला श्रीमती मुर्मू को वोट देने का आग्रह किया था। वहीं कांग्रेस के अन्य विधायकों ने मोकीम के इस कदम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। 

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कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा कि मोकीम को पार्टी के उस फैसले का सम्मान करना चाहिए था, जिसमें पार्टी के सभी विधायकों को देश के शीर्ष पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट देने के लिए कहा गया था। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि वह प्रामाणिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाई कमान के फैसले के अनुसार विधायक दल ने फैसला किया है कि सभी नौ विधायक आलाकमान यशवंत सिन्हा को वोट करेंगे।

पटनायक ने कहा कि इस मामले पर पार्टी में चर्चा की जाएगी और हाईकमान को अवगत कराएंगे जो इस मुद्दे पर फैसला करेगा। कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा और तारा प्रसाद बहिनीपति ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल में कम से कम तीन बैठकें हुईं और बैठक में मौजूद सभी नौ विधायकों ने सिन्हा के पक्ष में मतदान करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोकिम ने बैठक में कुछ नहीं कहा और बाद में पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर फैसला किया। दोनों विधायकों ने कहा कि पार्टी आलाकमान को मोकीम की कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाएगा और कहा कि वे इस मुद्दे पर आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।