मणिपुर में कांग्रेस विधायक श्यामकुमार को अयोग्य ठहराया जा सकता है। मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष वाई खेमचंद ने असेंबली में बुधवार को बताया कि कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए टी. श्यामकुमार को अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी नोटिस प्राप्त हो गया है।

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में श्यामकुमार ने कांग्रेस के टिकट पर एंड्रो सीट से चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया। विधानसभा अध्यक्ष खेमचंद ने कहा,नोटिस अंडर प्रोसेस है। कांग्रेस नेता के.मेघचंद्र ने बुधवार को इस मामले को उठाया। मेघचंद्र ने कहा कि श्यामकुमार को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर दस विधायकों ने नोटिस दिया है। हर किसी को पता है कि उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन की है।

शायद देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक नेता कांग्रेस के टिकट पर विधायक बना और दूसरी पार्टी से मंत्री बन गया। स्पीकर से कोई रेस्पांस नहीं मिला है। अयोग्य ठहराए जाने संबंधी खबरों पर श्याम कुमार ने कहा, हालांकि मैं कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुआ था लेकिन मैंने इस्तीफा दे दिया था। मेघचंद्र ने कहा, हालांकि लोग जानते हैं कि उन्होंने प्लोर की सीमा को पार किया है लेकिन अभी तक विस्तृत जानकारी नहीं है। मणिपुर में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा को 21 सीटें मिली थी।

दूसरे नंबर पर होने के बावजूद भाजपा ने सरकार बना ली। मणिपुर में पहली बार भाजपा ने सरकार बनाई है। पार्टी ने पहली बार राज्य की सभी 60 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। श्याम कुमार का समर्थन भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण था। उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस के विधायकों की संख्या 27 रह गई है। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया था। उनको 33 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष टीएन हाओकिप ने कहा, बिना जानकारी और मंजूरी के श्यामकुमार भाजपा ज्वाइन कर मंत्री बने गए।