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लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) से पैदा हुए राजनीतिक विवाद के बीच कांग्रेस (congress) ने तथ्य पेश करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) से मिलने का समय मांगा है। राहुल गांधी (Rahul gandhi) के नेतृत्व में पार्टी के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को विस्तृत तथ्य पेश करने के लिए राष्ट्रपति भवन जाएगा। 9 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में, कांग्रेस ने राष्ट्रपति से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा (Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra) के प्रतिनिधिमंडल के लिए समय देने का अनुरोध किया है।
प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी (A.K. Antony), मल्लिकार्जुन खडग़े (Mallikarjun Kharge), गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad), अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) और पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल (K.C. Venugopal) शमिल हैं। पत्र में लिखा गया है, ''उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार की चौंकाने वाली घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी द्वारा दी गई खुली चेतावनी और मंत्री और उनके परिवार की थार जीप के नीचे किसानों को कुचलना और भी दुखद है।'
पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रत्यक्षदर्शी किसानों ने खुले तौर पर कहा है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे द्वारा चलाए जा रहे वाहन ने उन्हें कुचला है। इसमें कहा गया है कि चौतरफा विरोध और उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद ना तो दोषियों के खिलाफ और ना ही मंत्री के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश के तिकुनिया में पिछले रविवार (3 अक्टूबर) को हुई हिंसा में उत्तर प्रदेश के विरोध में जा रहे किसानों को कथित रूप से कुचलने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम लिया गया है।
हालांकि, मंत्री और उनके बेटे ने स्पष्ट रूप से इस घटना में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है और उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा घटना स्थल पर मौजूद नहीं था। इस घटना में एक स्थानीय पत्रकार और चार किसानों समेत कुल नौ लोगों की मौत हो गई थी।
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