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बिहार में पिछले 5 दिनों से शीत लहर का प्रकोप जारी है और 3 फरवरी तक लोगों को ठंड से कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताते हुए कहा है कि उत्तर पश्चिमी हवा के प्रभाव की वजह से न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और पटना में ठंड ने पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
रविवार को पटना का न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री रहा, जो कि विगत दस वर्षों में दूसरे स्थान पर रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, गया का न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है। इसके अलावा आरा-बक्सर, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के लोग भी ठंड से बेहाल हैं। जमुई में 8.5, बक्सर में 7.5 शिवहर में 8.2, वाल्मिकीनगर में 6, भोजपुर 6.8 डिग्री, पूर्णिया में 9.9, मुजफ्फरपुर में 9.6, छपरा में 7.1, सुपौल में 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
बहरहाल, ठंड की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है और शाम ढलते ही खासकर गरीबों और राहगीरों की मुसीबतें बढ़ने लगती हैं। शीत लहर को देखते हुए पटना जिला प्रशासन के निर्देश पर रविवार को 127 जगहों पर अलाव जलाए गए हैं, लेकिन इस ठंड में सरकारी इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने 4 फरवरी के बाद पुरवा हवा से ठंड में कमी आने की संभावना जताई है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो दिन में मौसम शुष्क रहने की वजह से न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन रात में तापमान में भारी गिरावट हो रही है जिससे सावधानी बरतने की भी जरूरत है। इसके अलावा ठंड की वजह से ब्रेन स्ट्रॉक और लकवा समेत कई बीमारी के भी लोग शिकार हो रहे हैं। यही नहीं, अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रॉक और लकवा के मरीजों में इजाफा देखने को मिल रहा है।
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