देश में कोयले की किल्लत (Coal Shortage In India) से बिजली उत्पादन प्रभावित होने के साथ ही बिहार में इसका असर दिखना शुरू हो गया है। कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से 10 घंटे से अधिक बिजली गुल (power cut in bihar) रहती है। एक अधिकारी के मुताबिक, बिहार को 6,500 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार सिर्फ 4,700 मेगावाट बिजली (Power Outage) ही हासिल हासिल कर पाती है। केंद्र सरकार का योगदान 3,200 मेगावाट है और राज्य सरकार बाकी 1,500 मेगावाट 20 रुपये प्रति यूनिट के भाव से खुले बाजार से खरीद रही है।

केंद्र द्वारा बिजली आपूर्ति में (power cut in bihar) 20 फीसदी से ज्यादा की कटौती के बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई। नतीजतन, कई जिलों विशेष रूप से उत्तरी बिहार में पर्याप्त बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है। मुजफ्फरपुर जिले में उत्तर बिहार का सबसे बड़ा ग्रिड है। राज्य सरकार अन्य जिलों में बिजली की आपूर्ति के लिए बारी-बारी से अपने फीडरों का उपयोग कर रही है। सहरसा जिले को सामान्यत: 50 मेगावाट बिजली मिलती है लेकिन अब बिजली आपूर्ति कम होने से 35 मेगावाट ही मिल पा रही है। इसी तरह मधेपुरा को 100 मेगावाट की जगह 80 मेगावाट, अररिया को 120 मेगावाट की जगह 100 मेगावाट, कटिहार को 90 मेगावाट की जगह 75 मेगावाट, किशनगंज को सिर्फ 20 मेगावाट, जबकि इसकी सामान्य क्षमता 60 मेगावाट, पूर्णिया को मिल रही है. 150 मेगावाट की जगह 110 मेगावाट, लखीसराय को 20 मेगावाट जबकि इसकी सामान्य क्षमता 25 मेगावाट, खगडिय़ा को 15 मेगावाट जबकि क्षमता 40 मेगावाट, मुंगेर को 70 मेगावाट जबकि इसकी जरूरत 90 मेगावाट है।

इसके अलावा बांका, भोजपुर, औरंगाबाद, बक्सर, सारण, गोपालगंज, जहानाबाद, गया और अरवल जैसे जिलों को भी 20 से 30 फीसदी कम बिजली (power cut in bihar) मिल रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार बिजली कटौती (power cut in bihar) को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का दावा है कि बिजली आपूर्ति कम होने से राज्य में उद्योग प्रभावित नहीं हुआ हैं। अधिकारियों का मानना है कि दुर्गा पूजा (Durga Puja) के कारण अधिकांश इकाइयां बंद हैं। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव अमित मुखर्जी ने कहा, जैसा कि राज्य में दुर्गा पूजा चल रहा है,जिसके चलते अधिकांश औद्योगिक इकाइयाँ बंद हैं। यह उत्पादन को प्रभावित कर सकता है यदि राज्य सरकार इस पर तेजी से काम नहीं करती है। मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उपाय कर रही है।