कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में 15 दिनों के मिनी लॉकडाउन घोषित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है कि इस महामारी को प्राकृतिक आपदा घोषित किया जाए। उन्होंने बुधवार को पीएम मोदी को यह चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा गया है कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के जरिए प्रभावित लोगों की आर्थिक मदद की जाए। बता दें कि महाराष्ट्र में प्रतिबंधों से प्रभावित लोगों के लिए राज्य सरकार ने पहले ही 5 हजार 476 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर दी है।

मंगलवार को अपने संबोधन में भी सीएम ठाकरे ने कहा था कि भूकंप, भारी वर्षा-बाढ़ के दौरान प्राकृतिक आपदा घोषित की जाती है और प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद दी जाती है। उन्होंने कहा था, 'हम सबने इस महामारी को प्राकृतिक आपदा के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इसलिए हम पीएम से निवेदन करते हैं कि प्रभावित लोगों को वैसी ही मदद दी जाए जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को दी जाती है।'

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के चीफ सेक्रटरी सीताराम कुंटे ने कहा, 'यह महामारी एक आपदा है लेकिन अभी तक इसे प्राकृतिक आपदा नहीं माना गया है। इसलिए, मौजूदा प्रणाली के अनुसार व्यक्तिगत लाभ नहीं दिया जा सकता है। महामारी को प्राकृतिक आपदा मानना राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाने वाला नीतिगत निर्णय है और केंद्र को इस पर एक कदम उठाना होगा।'

एक अधिकारी के मुताबिक, एसडीआरएफ फंड में जहां केंद्र सरकार 75 फीसदी फंड देती है तो वहीं महाराष्ट्र सरकार बाकी का 25 प्रतिशत। एसडीआरएफ में करीब 4 हजार 200 करोड़ रुपये हैं। 

महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए 5 हजार 476 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत राज्य सरकार हर व्यक्ति को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल मुफ्त देगी। इसके अलावा एक महीने के लिए शिव भोजन थाली भी मुफ्त में मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा लाइसेंस प्राप्त हॉकर, ऑटोरिक्शा चालकों और रजिस्टर्ड वर्करों को 1500 रुपये नकद राशि दी जाएगी।