पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में शराबबंदी बिहार (prohibition in Bihar) के हित में है। उन्होंने यह भी कहा कि शराब अच्छी चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब पीजिएगा तो कोई गलत चीज दे देगा, तो मौत तो होगी ही।

मुख्यमंत्री नशा मुक्ति दिवस पर अधिकारियों को निर्देश दिया कि शराबबंदी को प्रभावी बनाने को लेकर पटना पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पटना में अगर शराब कंट्रोल कर ली गई तो अन्य स्थानों पर ज्यादा मुश्किल नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना को नियंत्रित कर लीजिएगा तो पूरा बिहार कंट्रोल हो जाएगा। शराबबंदी कानून में ढील देने की बात करने वालों पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि ऐसी बयानबाजी ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि सभी लोगों ने शराबबंदी कानून को लेकर सहमति जताई थी और जब आज विपक्ष में गए तो विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून को बिहार के हित में बताते हुए कहा कि इसके बाद लोगों में खुशी है। उन्होंने राजस्व में घाटे के आरोपों को भी सिरे से नकार दिया। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद दूध, दही, घी , फल सब्जी की बिक्री बढ़ गई है।

नीतीश ने शराबबंदी प्रारंभ करने के दिनों की याद करते हुए कहा कि शुरू में ग्रामीण क्षेत्रों में ही बंदी की गई थी लेकिन लोगों की मांग पर 5 दिनों में ही पूरे राज्य में लागू करना पड़ा था।

उन्होंने कहा, 'हम तो शुरू से कह रहे, कोई भी काम करियेगा, 100 फीसदी लोग उसे स्वीकार नहीं कर सकते। चंद लोग गड़बड़ी करेंगे ही। गड़बड़ी करने वाले लोग धीरे-धीरे खत्म होंगे।'

उन्होंने कहा कि हमने 9 बार शराबबंदी की समीक्षा की है। इस बार तो जहरीली शराब से और भी ज्यादा मौत हुई हैं। उन्होंने अधिकारियों से विशेष रूप से इसको प्रचारित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चोरी छिपे शराब पीजिएगा तो कोई गलत चीज दे देगा, तो मौत होगी ही।

उन्होंने शराब पी कर मौत पर सियासत करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शराब पीना ही क्यों जरूरी है?