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उत्तराखंड के देवप्रयाग में बादल फटने से एक बार केदारनाथ जैसी तबाही का मंजर देखने को मिल गया है। कोरोना काल में मौसम का कहर बहुत ही खौफनाक बन गया है। बादल फटने आए जलसैलाब में कई भवन, नगरपालिका बह्उद्देश्यीय भवन और ITI भवन जमींदोज हो गए है। पानी के साथ आए मलबे में 8 दुकानें पूरी तरह से डूब गईं है। पानी का बहाव बहुत ही तेज था।
कोविड कर्फ्यू के कारण जनहानि होने से बच गई। मलबे के कारण भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है। टिहरी एसएचओ ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यू का काम चल रहा है। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि "टिहरी स्थित देवप्रयाग थाना क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई है जिसमें 7-8 दुकानों और आईटीआई की बिल्डिंग को भारी नुकसान हुआ है। वैसे कोई जनहानि नहीं हुई हैं "।
बता दें कि बादल फटने से शांता नदी मे आए उफान से नगर के शांति बाजार मे तबाही आ गई है। शांता नदी से सटी दस से अधिक दुकानें भी बह गईं हैं। देवप्रयाग नगर से बस अड्डे की ओर आने वाला रास्ता और पुलिया पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। मलबे में किसी के दबने को लेकर अभी तक स्थिति साफ नही हो पाई है। फिलहाल रेस्क्यू का काम चल रहा है। दशरथ पहाड़ पर बादल फटने से यहां से निकलने वाली शांता नदी में सैलाब आ गया है।
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