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चीन से कुछ चौंकाने वाले नजारे सामने आए हैं। इन दिनों वहां के बुजुर्ग जिम जाते हैं, पार्क में जाते हैं और उनके सिक्स पैक्स भी दिख रहे हैं। इतना ही नहीं वे लोग खुलकर इसकी तस्वीरें भी पोस्ट कर रहे हैं।
'चाइना ग्लोबल टीवी नेटवर्क' ने अपनी एक ऑनलाइन रिपोर्ट में बड़े ही विस्तृत तरीके से इसकी जानकारी दी है। उसमें बताया गया है कि कैसे चीन के बुजुर्ग अपनी लाइफस्टाइल को अगले स्तर पर ले जा चुके हैं। इस रिपोर्ट में तमाम तस्वीरें भी दिखाई गई हैं जिन्हें देखकर लगता है कि हां वाकई में इन दिनों चीन के बुजुर्ग मेहनत कर रहे हैं। रिपोर्ट में एक 72 वर्षीय चीनी शख्स के बारे में भी बताया गया है जिनको देखने पर लोग उन्हें 30 साल का जवान समझ लेते हैं।
दक्षिण-पश्चिम बीजिंग के इलाके की कुछ तस्वीरों के बारे में रिपोर्ट है कि यहां दशकों पुराने साइकिल शेड में स्थित, एरकी जिम, जिसका नाम इसी नाम की रेलवे कैरिज फैक्ट्री के नाम पर रखा गया था, यहां बुजुर्गों का तांता लगा हुआ है। हालांकि यह जिम बहुत पहले जर्जर अवस्था में थी लेकिन इन दिनों यह गुलजार है। इसकी स्थापना 1984 में एरकी स्कूल के पूर्व शारीरिक शिक्षा शिक्षक झांग वेई द्वारा की गई थी। वे 1956 में बीजिंग की पहली लंबी दूरी की दौड़ के विजेता थे। जर्जर जैसा दिखने वाले इस जिम में अब बुजुर्गों की मांसपेशियां कुछ और ही बयां कर रही हैं।
बीजिंग के एक अन्य पार्क में सीनियर्स अपने स्टंट भी दिखाते हैं। यहां वे अपने वर्कआउट के दौरान समानांतर सलाखों पर डुबकी, टक और तख्तियां भी प्रयोग करते हैं। इस पार्क की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इनमें जो भी आते हैं वे 60 साल के ऊपर के हैं। इन्हीं में से एक 67 वर्षीय वांग जिक्सी ने कहा कि मैं आपको दिखा सकता था कि कैसे एक पट्टी के चारों ओर स्विंग करना है। उन्होंने बताया कि खुद उन लोगों ने एक साथ मिलकर 2018 में ही एक फिटनेस टीम की स्थापना की, जो सीनियर्स को इकट्ठा करते हैं जो पार्क में लेकर आते हैं।
इन सबके अलावा अन्य शहरों में भी बुजुर्ग ऐसा करते पाए गए हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं जबकि ये अपने जीवन के ज्यादा समय गुजार चुके हैं। कुछ तो ऐसे भी हैं जिन्होंने हाल ही में शुरुआत की है। रिपोर्ट में कुछ एक्सपर्ट्स के हवाले से इस बारे में बताया गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की लाइफस्टाइल को बदलकर रख दिया है। चीन से ही इसकी शुरुआत हुई है और चीन के बुजुर्गों ने ही इसे सबसे पहले मात भी दी है। हालांकि ये अलग बात है कि तमाम लोगों ने अपनी जानें भी गंवाई हैं।
जिम और वर्कआउट का सबसे बड़ा और सकारात्मक परिणाम यह है कि इससे इंसान फिट रहता है और उसका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत रहता है। कोरोना वायरस अचनाक आई ऐसी बीमारी थी, उसकी कोई दवा नहीं थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी बीमारियों से लड़ने में शरीर ही खुद एक कारगर उपाय है। अगर शरीर ने प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है तो वो खुद इससे लड़ेगी और यही कारण है कि कोरोना वायरल से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है।
फिलहाल, चीन के बुजुर्गों ने तो दिखा दिया है कि अब वे रुकने वाले नहीं हैं और वे होने शरीर को फिट रखेंगे ताकि कोरोना जैसी बीमारियों से शरीर से ही लड़ने में सहायता मिले। ये बुजुर्ग रोज जिम जाते हैं, पार्क में दौड़ते हैं जिससे वे फिट रहें। इतना ही नहीं वे अपनी तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट करते रहते हैं ताकि अन्य लोग भी इससे प्रेरणा ले सकें।
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